लखनऊ: अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने बनारस में होने वाले रंग महोत्सव के आयोजकों पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे का महिमामंडन करने वाला नाटक दिखाने को ले कर आयोजन को रद्द करने और आयोजकों को राजद्रोह के तहत तत्काल जेल भेजने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गोड्से की भतीजी हिमानी सावरकर से अपने सम्बन्धों को भी स्पष्ट करने की मांग की है जो मृत्यु से पहले तक लगातार गोरखनाथ पीठ पर आ कर उनसे मिलती रही हैं।

शाहनवाज़ आलम ने जारी बयान में कहा कि आरएसएस से जुड़े संस्कार भारती और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा 27 से 31 जनवरी तक बनारस में होने वाले इस आयोजन के आमंत्रण पत्र पर गांधी जी की शहादत दिवस 30 जनवरी पर उनके हत्यारे को महिमामंडित करने वाले गोडसे नाटक के मंचन का कार्यक्रम अंकित है। शाहनवाज़ आलम ने कहा कि राष्ट्रपिता की शहादत दिवस के दिन उनके हत्यारे को महिमामंडित करना पूरे देश और देश भक्तों का अपमान है। इस आयोजन में शामिल लोगों को तत्काक राजद्रोह के तहत मुकदमा दर्ज कर के जेल भेज देना चाहिए।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही गांधी जी के हत्यारे गोडसे का जगह-जगह महिमामण्डन करने का काम शुरू हुआ। अगर इन पूर्ववर्ती घटनाओं में शामिल अपराधियों पर सख़्त पुलिसिया कार्यवाई हुई होती तो आज बनारस में ऐसे आयोजन का साहस कोई नहीं करता। शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को गोड्से की भतीजी और कई आतंकी घटनाओं में आरोपी संगठन अभिनव भारत की अध्यक्ष हिमानी सावरकर से अपने संबंधों को स्पष्ट करना चाहिए जो मरने से पहले तक हर साल गोरखपुर आ कर उनसे मिलती थीं।

शाहनवाज़ आलम ने आरोप लगाया कि 29 जनवरी को जिस एक नाटक का मंचन होना है उसके लेखक पर कुछ सालों पहले काशी विद्यापीठ में छेड़खानी का मामला दर्ज हुआ था जिसके कारण तब कैंपस में ही उनकी काफी पिटाई भी हुई थी। शाहनवाज़ आलम ने कहा कि संघ के पास गोडसे जैसे हत्यारे और छेड़खानी करने वाले शिक्षक ही रोल मॉडल हैं।