लखनऊ : अखिलेश यादव आगामी चुनाव को लेकर काफी सजग हैं, जिला पंचायत चुनाव में लापरवाही पर समाजवादी पार्टी ने कड़ी कार्रवाई की है। माना जा रहा है कि अखिलेश यादव के निर्देश पर समाजवादी पार्टी ने यह बड़ी कार्रवाई की है। पंचायत चुनाव में लापरवाही पर सपा ने अपने 11 को बर्खास्त कर दिया है। इस बात की घोषणा समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने की है।

समाजवादी पार्टी ने पंचायत चुनाव में लापरवाही पर गोरखपुर, मुरादाबाद, झांसी, आगरा, गौतमबुद्धनगर, मऊ, बलरामपुर, श्रावस्ती, भदोही, गोंडा और ललितपुर सपा जिलाध्यक्ष को बर्खास्त कर दिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने पत्र जारी कर इस कार्यवाई की घोषणा की है।

पार्टी मुखिया इस बात से नाराज है कि कैसे चुनाव में सपा से चुने गए जिला पंचायत सदस्यों की ज्यादा होने के बाद भी जिला अध्यक्ष के चुनाव उनके पक्ष में नहीं जा रहे हैं। यादव ने इन सभी के ऊपर जिला पंचायत चुनाव की नामांकन प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप लगने पर हटाया है।

माना जा रहा है कि पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में जिलाध्यक्षों की नाकामी को देखते हुए पार्टी की तरफ से ये कार्रवाई की गई है।11 में से 10 जिलाध्यक्ष ऐसे जहां नहीं हो पाया सपा प्रत्याशी का नामांकन जिन 11 जिलों के जिलाध्यक्षों को समाजवादी पार्टी ने हटाया है। उनमें से 10 जिले ऐसे हैं, जहां सपा के उम्मीदवार पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन भी नहीं कर पाए। जिसमें गौतमबुद्धनगर, मुरादाबाद, आगरा, ललितपुर, झांसी, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, मऊ, गोरखपुर शामिल हैं। माना जा रहा है कि इसमें स्थानीय जिलाध्यक्षों की भी कमी है। जिसकी वजह से सपा प्रत्याशी नामांकन नहीं कर पाए। यही वजह है कि समाजवादी के प्रदेश अध्यक्ष ने इन जिलाध्यक्षों को पद से हटा दिया है।

इससे पहले अखिलेष यादव ने ट्वीट के माध्यम से लिखा था कि गोरखपुर व अन्य जगह जिस तरह भाजपा सरकार ने पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को नामांकन करने से रोका है, वो हारी हुई भाजपा का चुनाव जीतने का नया प्रशासनिक हथकंडा है। भाजपा जितने पंचायत अध्यक्ष बनायेगी, जनता विधानसभा में उन्हें उतनी सीट भी नहीं देगी।उधर राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार 17 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष के एक ही नामांकन हुए हैं या वैध पाए गए हैं।