राजनीति

विधान परिषद् के लिए सपा उम्मीदवारों ने भरे पर्चे, सहयोगी महान दल ने छोड़ा साथ

टीम इंस्टेंटखबर
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में आज उत्तर प्रदेश विधानपरिषद चुनाव के लिए पार्टी के चारों उम्मीदवारों ने पर्चे दाखिल कर दिए, इसके साथ ही सपा गठबंधन में दरार भी पड़ गयी, सहयोगी महान दल ने अखिलेश यादव पर कई आरोप लगाकर गठबंधन से अलग होने का एलान कर दिया वहीँ दूसरे सहयोगी सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर भी अपने बेटे अनिल राजभर को उम्मीदवार न बनाये जाने से नाराज़ बताये जाते हैं.

समाजवादी पार्टी की ओर स्वामी प्रसाद मौर्य, जासमीर अंसारी, मुकुल यादव और शाहनवाज़ खान ने अपना नामांकन पत्र दाख़िल किया।

वहीँ सपा कार्यालय से जारी एक बयान में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार जबसे सत्ता में आयी, प्रदेश का विकास अवरुद्ध है और जनता के हितों पर गहरा आघात लग रहा है। समाजवादी सरकार के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश को विकास की गति देने के जो प्रयास किए गये थे, उस पर भाजपा सरकार ब्रेक लगाने का काम कर रही है। किसानों और नौजवानों की आकांक्षाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है। प्रदेश में सौहार्द तथा सद्भाव बिगाड़ा जा रहा है। भाजपा सरकार में हर तरफ अराजकता और अव्यवस्था दिखाई दे रही है।

भाजपा राज में मंत्री बदल गए लेकिन उत्तर प्रदेश की सड़कों के गड्ढे नहीं भरे। इस काम के लिए भाजपा सरकार के कार्यकाल में 18000 करोड़ रूपये बजट में रखे गए थे लेकिन यह धनराशि भी न जाने किस गड्ढे में खर्च हो गई। समाजवादी सरकार में लोकनायक जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर का निर्माण हुआ था जिसे भाजपा सरकार ने खण्डहर बना दिया है। विगत पांच वर्ष में रख-रखाव तक नहीं हुआ।

ऑपरेशन कायाकल्प के नाम पर सरकारी धन की बर्बादी जारी है। प्राथमिक स्कूलों की दुर्दशा में कहीं सुधार नहीं हुआ। गाजीपुर के सैदपुर काण्ड में शिक्षा क्षेत्र में 80 से अधिक स्कूलों में चहार दीवारी नहीं है। 85 स्कूलों में शौचालय तो है पर वहां पानी की व्यवस्था नहीं है। यही हाल गांवों में बने शौचालयों का है।

भाजपा सरकार ने समाजवादी सरकार की जनहित की योजनाओं को भी बर्बाद कर दिया है। भाजपा बुजुर्गों की पेंशन भी डकार लेना चाहती है। जौनपुर में पेंशन स्वीकृत हुए साल बीत गया लेकिन 21 हजार लाभार्थियों को अब तक वृ़द्धा पेंशन की एक भी किश्त नहीं मिली। बुजुर्ग परेशान हैं। उन्हें आर्थिक तंगी उठानी पड़ रही है।

समाजवादी सरकार ने जनता को राहत पहुंचाने के लिए 108 और 102 एम्बूलेंस सेवा की शुरुआत की थी, भाजपा ने उसे भी कबाड़ा कर दिया। प्रदेश भर में ज्यादातर एम्बूलेंस खस्ताहाल हैं। इनके मेंटीनेंस के लिए बजट तक नहीं दिया जा रहा है।

सच तो यह है कि पांच साल के अंदर उत्तर प्रदेश में दो बार भाजपा की डबल इंजन सरकार बनी है फिर भी जनता की हालत नहीं बदली है। महंगाई और भ्रष्टाचार बेलगाम है। कर्ज में डूबा किसान आत्महत्या करने को मजबूर है। नौजवान बेरोजगारी का शिकार होकर सड़क पर मारा-मारा फिर रहा है। भाजपा सरकार में चारों तरफ अव्यवस्था और नफरत का अंधकार फैला है।

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