टीम इंस्टेंटखबर
यूपी के देवबंद में जमीयत उलेमा-ए हिंद का इन दिनों राष्ट्रीय अधिवेशन चल रहा है. जमीयत उलेमा-ए हिंद अभी दो गुटों में बंटा हुआ है. एक गुट मौलाना अरशद मदनी का है और दूसरा मौलाना महमूद मदनी का . मौलाना अरशद, मौलाना महमूद मदनी के चाचा हैं. शनिवार को सम्मेलन के पहले दिन मौलाना अरशद मदनी भी यहां पहुंचे.

मौलाना अरशद मदनी ने यहां जमीयत के एक होने के संकेत दिए. उन्होंने कहा कि वो दिन दूर नहीं जब इत्तेहाद हो जाएगा. अरशद मदनी ने अपने बयान में दोनों धड़ों के एक होने की तरफ इशारा किया.

अरशद मदनी का ये बयान काफी अहम है, क्योंकि मुस्लिम समाज से जुड़े देश के सबसे बड़े संगठन जमीयत को परिवार की लड़ाई ने बांट दिया है. 2006 में जब महमूद मदनी के पिता मौलाना असद मदनी का इंतकाल हुआ तो उसके बाद से ही संगठन में चाचा-भतीजे में वर्चस्व की लड़ाई छिड़ गई. असद मदनी लंबे वक्त तक संगठन के चीफ रहे थे, लेकिन उनके निधन के बाद जमीयत में दो फाड़ हो गए.

हालांकि देवबंद में चल रहे इस अधिवेशन से जिस तरह की नरमी दिखाई दे रही है उससे लग रहा है कि चाचा-भतीजे के बीच वर्चस्व की लड़ाई लगभग खत्म हो गई. शनिवार को देवबंद में अधिवेशन के दूसरे सत्र में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के दूसरे गुट के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी शामिल हुए. मंच पर भतीजे महमूद मदनी ने चाचा अरशद मदनी का तहे दिल से स्वागत दिया. इसी दौरान अरशद मदनी ने कहा कि वो दिन दूर नहीं है जब जमीयत के दोनों गुट एक हो जाएंगे.

मौलाना मदनी ने कहा कि हमारे उलेमा ने देश की आजादी से लेकर बाबरी मस्जिद जैसे मुद्दों तक के लिए बड़ी कुर्बानियां दी हैं. उन्होंने कहा कि हमारे बुजुर्ग कभी सड़कों पर नहीं उतरे, लेकिन उन्होंने देश के संवैधानिक तरीकों से लड़ाई लड़ी है. ऐसे में मैं आपके सामने इस बात को रखना जरूरी समझता हूं. हमें भी उसी तरीके पर हालात का मुकाबला करना है.

मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि हमारा मुकाबला किसी हिंदू से नहीं है बल्कि उस सरकार से है जो धर्म के नाम पर लोगों को बांटकर देश को बर्बाद कर रही है. मैं मानता हूं कि तकदीर के फैसले में देरी हो सकती है, लेकिन भारत अभी न्यायप्रिय लोगों से खाली नहीं हुआ है. जो लोग मस्जिदों में आग लगा रहे हैं वो जलील होंगे. वो देश को श्रीलंका की तरह करना चाह रहे हैं.

उन्होंने कहा कि देश के अल्पसंख्यक, बहुसंख्यकों के खिलाफ सड़कों पर ना उतरें. हम उन्हें समझाएंगे कि इसे रोकिए नहीं तो मुल्क बर्बाद और तबाह हो जाएगा. जो लोग बाबरी को सड़कों पर लाए उन्होंने इस मामले को खराब किया है. जब भी हमारी लड़ाई होगी तो सरकार से होगी. सरकार हमारी है. सरकार हमें हक देगी तो ताली बजाएंगे, नहीं देंगे तो लड़ेंगे.