टीम इंस्टेंटखबर
जयपुर में चले तीन दिवसीय कांग्रेस के चिंतन शिविर के आखरी दिन कांग्रेस ने एक सलाहकार समूह बनाने की बात कही है जिसमें वरिष्ठ नेताओं को जगह दी जाएगी और समूह कांग्रेस वर्किंग कमेटी को सलाह देगा हालाँकि उसे किसी भी तरह का सामूहिक निर्णय लेने का अधिकार नहीं होगा। यह सलाहकार समूह पार्टी की कार्यकारकारी अध्यक्ष सोनिया गाँधी की निगरानी में काम करेगा। इसे आप भाजपा का मार्गदर्शक मण्डल मान सकते हैं जिसे सलाह देने के लिए बनाया गया गया था हालाँकि उसकी सलाह कभी ली गयी भी इसकी जानकारी नहीं है।

सोनिया गांधी ने कहा, “मैंने सीडब्ल्यूसी (कांग्रेस वर्किंग कमेटी) से एक सलाहकार समूह तैयार करने का भी फैसला किया है जो मेरी अध्यक्षता में नियमित रूप से बैठक करेगा और हमारी पार्टी के सामने राजनीतिक मुद्दों और चुनौतियों पर विचार-विमर्श करेगा। बेशक, हमारे पास सीडब्ल्यूसी है जो बैठक से मिलती है समय-समय पर और यह जारी रहेगा।” हालांकि, उन्होंने कहा कि नया समूह सामूहिक निर्णय लेने वाली संस्था नहीं है, लेकिन वरिष्ठ सहयोगियों के विशाल अनुभव का लाभ उठाने में उनकी मदद करेगा।

अब बड़ा सवाल यह है कि क्या उन वरिष्ठ नेताओं को रास्ते हटाने का भाजपाई तरीका है या फिर वाकई उनसे कोई सलाह ली जाएगी और उसपर अमल भी होगा। वैसे यह बाग़ी G-23 को साधने का एक अच्छा तरीका है.