नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के सुरक्षा कर्मचारियों पर हमला करने और सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करने के लिए AAP विधायक सोमनाथ भारती को 2016 के एक मामले में दोषी बरकार रखा। उन्हें जो 2 साल जेल की सजा सुनाई गई थी, उसे जज ने बरकरार रखा।

अदालत ने आईपीसी की धारा 149 और 147 के साथ ही सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम, 1984 की धारा 3 के तहत भारती की सजा को बरकरार रखा। हालाँकि, AAP विधायक को IPC के 323 और 353 के आरोपों से बरी कर दिया गया।

गौरतलब है कि जनवरी 2021 में दिल्ली की एक अदालत ने आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक और दिल्ली के पूर्व मंत्री सोमनाथ भारती को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मारपीट के मामले में दोषी ठहराया था। दिल्ली स्थित राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रेट रवीन्द्र कुमार पांडेय ने 2016 में दर्ज किए गए इस मामले के 4 अन्य आरोपितों को बरी कर दिया। आप विधायक पर एम्स के सुरक्षाकर्मी के साथ मारपीट का आरोप है। अदालत ने भारती को दो साल जेल की सजा सुनाई थी।

एम्स के मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने 2016 में सोमनाथ भारती पर सुरक्षाकर्मी से मारपीट का आरोप लगाते हुए हौज ख़ास थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने सोमनाथ भारती पर दंगे भड़काने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने, सरकारी काम में बाधा डालने का मामला दर्ज किया था।

पिछले दिनों उत्तर प्रदेश पुलिस ने आम आदमी पार्टी विधायक को रायबरेली जाते हुए गिरफ्तार किया था। इस दौरान सोमनाथ भारती ने तैश में आकर पुलिसकर्मियों से बहस शुरू कर दी थी, तभी एक अज्ञात व्यक्ति ने आप विधायक पर काली स्याही फेंक दी थी। इस घटना के बाद सोमनाथ भारती ने उत्तर प्रदेश पुलिस और मुख्यमंत्री आदित्यानाथ को सरेआम धमकी देना शुरू कर दिया।