स्पोर्ट्स डेस्क
साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ स्टीव स्मिथ ने आज अपना शतक पूरा किया, यह उनका 30वां टेस्ट शतक है, जिसका मतलब यह हुआ कि शतकों के मामले में स्टीव स्मिथ महान डॉन ब्रैडमैन से भी आगे चले गए हैं। इस शतक के बाद स्मिथ ने कहा कि मुझे नहीं पता कि मेरा अंतर्राष्ट्रीय करियर और कितने दिनों तक चलेगा।

साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ स्मिथ का यह दूसरा शतक था लेकिन इसके लिए उन्हें 12 मैचों का लंबा इंतज़ार करना पड़ा। जिस किसी भी टीम के ख़िलाफ़ स्मिथ ने दो से ज़्यादा कोई मैच खेला है, उनमें से साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ उनकी औसत सबसे कम रही है।

निश्चित तौर पर ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए आने वाले भारत और इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सीरीज़ में स्मिथ एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी होने वाले हैं। लेकिन स्मिथ ने कहा कि अब वह अपने करियर को छोटे-छोटे फ़ेज़ में बांट कर आगे बढ़ा रहे हैं।

अपने भविष्य के बारे में स्मिथ ने कहा, ” मुझे नहीं पता कि आगे क्या होने वाला है। मैं फ़िलहाल अपने खेल का आनंद ले रहा हूं। मैं अभी यह नहीं कह सकता कि मैं और कितने दिनों तक खेलता रहूंगा। मैं एक समय पर बस एक सीरीज़ के बारे में सोचता हूं और फिर उसका आनंद लेता हूं।”

स्मिथ ऑस्ट्रेलिया की अगली पीढ़ी की मदद करने की भी सोच रहे हैं। साथ ही उनका पूरा ध्यान आगे आने वाली भारत और ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ होने वाली सीरीज़ पर है।

उन्होंने कहा, “यह सब कुछ टीम की मदद करने के लिए है। हमने पिछले 12 महीनों में काफ़ी बढ़िया क्रिकेट खेला है। आगे आने वाले दिनों में हम दो बड़ी सीरीज़ खेलने वाले हैं। मेरे हिसाब से हमें लगातार बेहतर होने का प्रयास करना चाहिए, साथ ही अपने साथी बल्लेबाज़ों को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए।”

“मैं अभी भी मार्नस लाबुशेन की ज़्यादा से ज़्यादा मदद करने की कोशिश करता हूं। हमारा प्रयास रहता है कि ट्रेविस हेड, कैमरन ग्रीन, मैट रैनशॉ, मार्कस हैरिस जैसे साथियों की खेल की परिस्थिति के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जागरूक किया जाए। मैं कोशिश करूंगा कि उनकी अधिक से अधिक मदद की जा सके।”

निजी तौर पर स्मिथ ने अपनी बल्लेबाज़ी में पिछले 12 महीनों में काफ़ी काम किया है। उन्होंने कहा, “यह (बैटिंग तकनीक) हर बार सही नहीं होने वाला है। जब आप उतना अच्छा महसूस नहीं कर रहे होते हैं तो आप उस परिस्थिति से बाहर निकलना चाहते हैं। इस पारी में मुझे अपनी पहली 60-70 गेंदों पर बहुत अच्छा महसूस नहीं हुआ। हालांकि उसके बात चीज़ें सहज होती चली गई। मुझे खु़शी है कि मैं उस शुरुआती दौर से गुज़रने में सक्षम था।