नई दिल्ली। पिछले कुछ सालों से क्रिकेट की दुनिया में कई प्रमुख तेज गेंदबाज देखे गए हैं, लेकिन शोएब अख्तर की तरह कोई तेज गेंद फेंकने वाला नहीं दिखा। रावलपिंडी एक्सप्रेस के रूप में प्रसिद्ध, पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज अख्तर ने अपने करियर के दाैरान खतरनाक गेंदबाजी के दम पर कई बल्लेबाजों की रातों की नींद हराम की हुई है। अख्तर के पास 2003 में इंग्लैंड के खिलाफ 161.3 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे तेज गेंदबाजी करने का रिकॉर्ड भी है।

हालांकि, अख्तर अब तो मैदान पर नहीं दिखते लेकिन वह पाकिस्तान के युवा तेज गेंदबाजों को तैयार करने के लिए तैयार हैं। एक बातचीत में, अख्तर ने कहा कि वह पाकिस्तान के युवाओं को सिखाना चाहते हैं कि कैसे तेज गेंदबाज बनें। 45 वर्षीय अख्तर ने यह भी कहा कि आजकल खिलाड़ी जिमिंग पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इसलिए, वह उन्हें स्पीड गन में आग लगाने के बारे में उचित निर्देश देना चाहते हैं।

अख्तर ने अपने यूट्यूब चैनल पर फरहान निसार के साथ बातचीत में कहा, “वे जिम के काम पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, लेकिन जब भी मुझे मौका मिलेगा, हम उन्हें सिखाएंगे कि क्या करना है, एक तेज गेंदबाज क्या है, और कैसे एक तेज गेंदबाज बनना है। मुझे जब भी मौका मिलेगा, मैं करूंगा।”

पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज, जिनके नाम 444 अंतरराष्ट्रीय विकेट हैं, ने आगे कहा कि एक तेज गेंदबाज को पनपने के लिए एक खास तरह के रवैये की जरूरत होती है। अख्तर ने कहा, “हर एक चीज रवैये के साथ आती है। जब आपका नजरिया सही और सकारात्मक होगा, आपकी ऊर्जा सही चीजों पर खर्च होगी, तो जाहिर तौर पर आप वहां पहुंचेंगे। जब प्रतिभा और सही रवैया होगा, तो जाहिर है आप जगह पर जाएंगे।”