टीम इंस्टेंटखबर
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद गाँधी परिवार पर हमलावर ‘जी 23’ समूह की शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में सड़े हुए आम से तुलना की है.

सामना में शिवसेना ने लिखा, ”जी-23 का समूह सड़ा हुआ आम है, लेकिन कांग्रेस संगठन को आज गांधी ही चाहिए. उत्तराखंड में बीजेपी के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी पराजित हो गए, लेकिन उत्तराखंड में कांग्रेस ने फिर से हरीश रावत जैसे पुराने नेता को बागडोर सौंपकर बीजेपी को आगे के लिए गति दे दी. वे (रावत) खुद चुनाव हार गए.” संपादकीय में लिखा, ”गांधी नेतृत्व छोड़ें यह ठीक, लेकिन कांग्रेस को आगे ले जानेवाला, जीत दिलानेवाला नेता उनके ‘जी-23’ गुट में है क्या?”

सामना में लिखा, ”कांग्रेस की थाली और कटोरी में खा-पीकर कई बार डकार लेकर स्वस्थ हुए नेता ‘जी-23’ में हैं और कांग्रेस की पराजय पर वे विलाप कर रहे हैं. इनमें से कितने नेता पांच राज्यों के चुनाव में जमीन पर उतरे थे? कितनों ने प्रत्यक्ष रूप से प्रचार में खुद को झोंक दिया था? केवल गांधी परिवार ही एकमात्र बल स्थान नहीं रह गया है. कांग्रेस की जड़ें सूख गई हैं और वृक्ष पत्ता विहीन हो गया है पत्ते अंकुरित हों, बहार आएं और वातावरण ताजा हो, ऐसा किसी को मन से लगता है तो वृक्षों की पूरी छंटाई कर नया बगीचा फुलाना होगा.”

बताया जा रहा है कि आज होने वाली ‘जी23’ समूह की बैठक के नेताओं ने कई ऐसे कांग्रेस को नेताओं को भी आमंत्रित किया है, जो इस समूह का हिस्सा नहीं है, लेकिन वे महसूस करते हैं कि पार्टी में बदलाव जरूरी है.