टीम इंस्टेंटखबर
एटीएस उत्तर प्रदेश द्वारा 20 जून को अवैध धर्मांतरण का गिरोह संचालित करने वाले सरगना सहित 2 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर अब तक कुल 16 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जा चुका है l

उमर गौतम, जहांगीर आलम, मन्‍नू यादव उर्फ अब्‍दुल्‍ल मन्‍नान, राहुल भोला उर्फ राहुल अहमद, इरफान शेख तथा सलाहुद्दीन सहित कुल 06 व्यक्तियों के विरुद्ध विवेचना में उद्घाटित पुष्ट साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (कस्टम) में 18 अगस्त को आरोप पत्र प्रेषित किया गया था जबकि शेष अभियुक्तों के विरुद्ध विवेचना प्रचलित थी l इस अभियोग में 04 अभियुक्तों (उमर गौतम, जहाँगीर आलम, इरफ़ान शेख व सलाहुद्दीन) के विरुद्ध धर्म सम्परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-2021 के तहत पूरक आरोप पत्र 18 सितम्बर को प्रेषित किया गया है l

विवेचना के क्रम में अभियुक्त प्रसाद कांवरे उर्फ़ एडम, फराज शाह, कौसर आलम, भूप्रिय बिन्दो उर्फ़ अर्सलान के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर यह तथ्य प्रमाणित हुए हैं कि इनके द्वारा वृहद आपराधिक षड्यंत्र के अंतर्गत देशव्यापी अवैध धर्मान्तरण के गिरोह का सञ्चालन किया जा रहा है जिसके तार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी जुड़े हुए हैं l

धर्मांतरण के इस गिरोह द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर लोगों, महिलाओं, दिव्यान्गजनो विशेषकर मूक बधिर लोगों को बहला फुसलाकर, भयभीत कर, बल पूर्वक तथा नाजायज दबाव आदि डालकर उनकी स्व इच्छा के विरुद्ध विद्वेषपूर्ण ढंग से उनका धर्मांतरण कराया जा रहा है l इस प्रकार धर्मान्तरित व्यक्ति को कट्टर विचार धारा से जोड़कर उसे श्रृंखला बद्ध तरीके से उसके मूल धर्म के अन्य लोगों, मित्रो, रिश्तेदारों के धर्मान्तरण की कार्यवाही की जिम्मेदारी दी जाती है l धर्मान्तरित व्यक्ति किसी भी दशा में मूल धर्म में वापस न जाने पाए इस हेतु समय समय पर कार्यशालाएं एवं अवैध धर्मान्तरण कराए जाने हेतु नियमित रूप से प्रशिक्षित किया जाता है l अभियुक्तों की इस अवैध धर्मान्तरण की कार्यवाही से विभिन्न धर्मों के बीच आपसी वैमनस्य एवं कटुता बढ़ी है l रेडिकलाइज्ड व धर्मान्तरित व्यक्तियों को देश विरोधी अतिवादी विचारधारा से भी जोड़े जाने के भी प्रमाण मिले हैं l

अभियुक्त गणों द्वारा धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को उसके धर्म के विषय में भ्रामक तथ्य अवगत कराए जाते हैं तथा धर्म-परिवर्तन की प्रक्रिया में उनके मूल धर्म के प्रति विद्वेष पैदाकर धार्मिक भाई चारे को बिगाड़ा जाता है जिससे राष्ट्र की एकता व अखंडता को बढ़ाने वाली बंधुता पर भी गलत असर पड़ा है l इस आपराधिक कृत्य में धर्म विशेष के लोगों को दूसरी दुनिया (मृत्यु के बाद की दुनिया) के जीवन में जहन्नुम की आग जैसी अवधारणाओ का हवाला देते हुए भयभीत भी किया गया व अनुचित दबाव डालकर अवैध धर्म-परिवर्तन किया गया l अपराध कारित करने की इस प्रक्रिया में अभियुक्त द्वारा विभिन्न धर्मों के धार्मिक विश्वासों को आहत करने का काम किया गया है l सह अभियुक्त उमर गौतम के द्वारा संचालित अवैध धर्मांतरण सिंडिकेट के देश व्यापी स्तर पर कराए जा रहे धर्मान्तरण के षड्यंत्र को महाराष्ट्र में संचालित करने में अभियुक्त प्रसाद कांवरे उर्फ़ एडम, फराज शाह, कौसर आलम, भूप्रिय बिन्दो उर्फ़ अर्सलान की प्रमुख भूमिका है l

इस सिंडिकेट के संचालन हेतु इन्हें विदेशों से भी भारी मात्रा में फंडिंग की गयी है जिसके पुष्ट साक्ष्य मिले हैं l उमर गौतम व इसके साथियों को ब्रिटेन आधारित संस्था अल-फला ट्रस्ट से लगभग 57 करोड़ रूपये की फंडिंग हवाला एवं अन्य माध्यमों से की गयी थी जिसके खर्च का ब्यौरा उपरोक्त अभियुक्तगण नही दे सके थे l जिन संगठनों ने उमर गौतम से सम्बंधित ट्रस्ट “अल-हसन एजुकेशनल एंड वेलफेयर फाउंडेशन को फंडिंग की थी उन्ही स्रोतों से मौलाना कलीम सिद्दीकी के ट्रस्ट जामिया ईमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट को भी अनियमित रूप से भारी मात्र में फंडिंग की गयी थी l अभियुक्तगणों के खातों में यूके, अमेरिका व अन्य खाड़ी देशो से भी भारी मात्रा में हवाला व अन्य माध्यमो से धन का आना प्रमाणित हुआ है l अभियुक्तों द्वारा ट्रस्ट में आए विभिन्न वैध एवं अवैध धन को निजी धन के रूप में मनमाने ढंग से खर्च किया गया जिससे संपत्तियां भी अर्जित की गयी l अभियुक्त अपनी आय के स्रोतों का भी उल्लेख नही कर सके l अभी तक की जांच में मौलाना कलीम के ट्रस्ट के खाते में लगभग 22 करोड़ रूपये की कुल फंडिंग के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं इस सम्बन्ध में विस्तृत विवेचना प्रचलित है l

उल्लेखनीय है कि अभियुक्त एडम और कौसर आलम के कब्जे से बरामद इलेक्ट्रोनिक साक्ष्यों से यह तथ्य पाए जा रहे हैं कि अभियुक्त एडम और कौसर, “जिहाद” की हिंसात्मक विचारधारा से भी प्रभावित और पोषित हैं व कतिपय ऐसे धार्मिक उपदेशक जिनका सम्बन्ध अल-कायदा जैसे आतंकी समूह से रहा है, के धार्मिक व्याख्यानों से प्रभावित होना पाया गया है l

इन सभी अभियुक्तों के विरुद्ध एक वृहद् आपराधिक षड्यंत्र के अंतर्गत एक ऑर्गनिक मैकेनिस्म के तहत वृहद् धर्मान्तरण की श्रृंखलाबद्ध कार्यवाही की जा रही है l भारत की धम्रिक जनसँख्या संतुलन को पलटकर एक धर्म-निरपेक्ष राष्ट्र के नागरिकों के आपसी सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़कर लोक प्रशांति बाधित करने का कार्य संवैधानिक रूप स्थापित सरकार को शरियत पर आधारित सरकार के रूप में अवस्थित करने के उद्द्येश्य से किये जा रहे षड्यंत्र के सम्बन्ध में पर्याप्त साक्ष्य प्राप्त हुए हैं जिनके सम्बन्ध में अभियुक्तगण प्रसाद कांवरे उर्फ़ एडम, फराज शाह, कौसर आलम, भूप्रिय बिन्दो उर्फ़ अर्सलान के विरुद्ध आरोप-पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया है l शेष अभियुक्तों के विरुद्ध विवेचना जारी है l