देश

CBI, ED, NIA समेत सभी जांच एजेंसियों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का SC ने दिया निर्देश

नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केन्द्र को निर्देश दिया कि गिरफ्तार करने और पूछताछ करने का अधिकार रखने वाले केन्द्रीय जांच ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय और राष्ट्रीय जांच एजेन्सी सहित सभी जांच एजेन्सियों के कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाये जायें।

मानव अधिकारों के हनन पर अंकुश लगाने का प्रयास
न्यायमूर्ति रोहिन्टन फली नरिमन, न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने कहा कि राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक थाने में प्रवेश और निकासी के स्थान, मुख्य प्रवेश द्वार, हवालात, सभी गलियारों, लॉबी, स्वागत कक्ष क्षेत्र और हवालात कक्ष के बाहर के क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से लगे हों। शीर्ष अदालत ने इससे पहले मानव अधिकारों के हनन पर अंकुश लगाने के लिये थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश दिया था।

आडियो और वीडियो की फुटेज की व्यवस्था
कोर्ट ने कहा कि नार्कोटिक कंट्रोल ब्यूरो, राजस्व गुप्तचर निदेशालय और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालयों सहित सभी जांच एजेन्सियों के उन सारे कार्यालयों में अनिवार्य रूप से सीसीटीवी कैमरे लगाये जायें जिनमे पूछताछ होती है और आरोपियों को रखा जाता है। कोर्ट ने कहा कि सीसीटीवी प्रणाली में नाइट विजन सुविधा के साथ ही आडियो और वीडियो की फुटेज की व्यवस्था होनी चाहिए और केन्द्र तथा राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के लिये ऐसी प्रणाली खरीदना अनिवार्य होगा जिनमें कम से कम एक साल और इससे ज्यादा समय तक सीसीटीवी कैमरों के आंकड़ों को संग्रहित कर रखने की सुविधा हो।

इन ऑफिसों में भी लगाए जाएँ कैमरे और रिकॉर्डिंग उपकरण
पीठ ने अपने आदेश में कहा, “इसके अलावा, केन्द्र सरकार को भी यह निर्देश दिया जाता है कि सीसीटीवी कैमरे और रिकार्डिंग उपकरण सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, एनआईए, नार्कोटिक कंट्रोल ब्यूरो, राजस्व गुप्तचर निदेशालय, संगीन अपराध जाच कायार्लय, ऐसी दूसरी एजेंन्सियां जिन्हें पूछताछ करने और गिरफ्तार करने का अधिकार है, के कार्यालयों में भी लगाये जायें।”

सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य
कोर्ट ने कहा, “चूंकि इनमें से अधिकांश एजेन्सियां अपने कार्यालयों में ही पूछताछ करती है, सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से ऐसे सभी कार्यालयों में लगाये जायेंगे जहां आरोपियों से पूछताछ की जाती है और उन्हें हवालात की तरह ही रखा जाता है।”

2018 का आदेश
शीर्ष अदालत ने कहा कि इस साल सितंबर में उसने अपने तीन अप्रैल, 2018 के आदेश के अनुरूप प्रत्येक थाने में सीसीटीवी कैमरे लगे होने के स्थानों और निगरानी समिति के गठन के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिये सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को इसमे पक्षकार बना लिया था।

निगरानी समिति गठित करने का दिया था आदेश
शीर्ष अदालत ने हिरासत में यातनाओं से संबंधित मामले पर विचार करते हुये इस साल जुलाई में 2017 के कोर्ट के उस आदेश का संज्ञान लिया था जिसमे मानव अधिकारों का दुरूपयोग रोकने और घटना स्थल की वीडियोग्राफी करने के लिये सभी थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने और एक केन्द्रीय निगरानी समिति तथा प्रत्येक राज्य तथा केन्द्र शासित प्रदेश में निगरानी समिति गठित करने का आदेश दिया गया था।

Share

हाल की खबर

सरयू नहर में नहाने गये तीन बच्चों की मौत, एक बालिका लापता

मृतको में एक ही परिवार की दो सगी बहने, परिजनो में मचा कोहरामएसडीएम-सीओ समेत पुलिस…

मई 1, 2024

बाइक सवार दोस्तों को घसीट कर ले गई कंबाइन मशीन, एक की मौत, दूसऱे की हालत गंभीर ,लखनऊ रेफर

बाइक सवार मित्रों को गांव से घसीटते हुए एक किलो मीटर दूर ले गई,सहमे लोग…

मई 1, 2024

एचडीएफसी बैंक के पेजैप ऐप को ‘सेलेंट मॉडल बैंक’ का पुरस्कार मिला

मुंबईएचडीएफसी बैंक के मोबाइल ऐप पेज़ैप (PayZapp) को 'सेलेंट मॉडल बैंक' अवार्ड मिला है। एचडीएफसी…

मई 1, 2024

पत्रकारों के पेंशन और आवास की समस्या का होगा समाधानः अवनीष अवस्थी

-कम सैलरी में पत्रकारों का 24 घंटे काम करना सराहनीयः पवन सिंह चौहान -यूपी वर्किंग…

मई 1, 2024

पिक्चर तो अभी बाक़ी है, दोस्त!

(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) हम तो पहले ही कह रहे थे, ये इंडिया वाले क्या…

मई 1, 2024

आज के दौर में ट्रेड यूनियन आंदोलन और चुनौतियां

(अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष आलेख : संजय पराते) आजादी के आंदोलन में ट्रेड यूनियनों…

मई 1, 2024