नई दिल्ली: कांग्रेस में जारी घमासान के बीच सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि राजस्थान हाई कोर्ट बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के खिलाफ आई याचिका पर आदेश दे सकता है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान विधान सभा स्पीकर सीपी जोशी (c p joshi) के हाई कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने के अनुरोध को भी मानने से इनकार कर दिया।

हाईकोर्ट दे सकता है आदेश
जस्टिस अरुण मिश्रा (justice arun mishra) की बेंच ने कहा कि बागी कांग्रेस विधायकों की याचिका पर राजस्थान हाई कोर्ट अपना आदेश दे सकता है। इस पूरे मामले में अहम सुनवाई अब कल राजस्थान हाई कोर्ट में होनी है। माना जा रहा है कि कल हाई कोर्ट पूरे विवाद पर फैसला सुना सकता है।

अयोग्यता की कार्यवाही रोने का अदालत को अधिकार नहीं
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई के दौरान राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी ने कहा कि हाई कोर्ट को कांग्रेस के 19 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही 24 जुलाई तक रोकने का कोई अधिकार नहीं है। इन बागी विधायकों में उप मुख्यमंत्री पद से हटाए गए सचिन पायलट भी शामिल हैं।

1992 के फैसले का ज़िक्र
इस विवाद पर जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता में एक पीठ ने जोशी की उस याचिका पर सुनवाई शुरू की, जिसमें शीर्ष अदालत के 1992 के किहोटो होलोहन मामले में दिए फैसले का जिक्र किया गया है। उस फैसले के अनुसार अदालत संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत अध्यक्ष द्वारा की गई अयोग्यता की कार्यवाही में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।

फैसले के बाद ही हस्तक्षेप का अधिकार
जोशी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल (kapil sibbal) ने कहा कि अदालत तभी हस्तक्षेप कर सकती है जब अध्यक्ष सदन के किसी सदस्य को निलंबित या अयोग्य ठहराने का फैसला ले। पीठ के उस सावाल के जवाब में सिब्बल ने यह बात कही, जिसमें उसने पूछा था कि अध्यक्ष के विधायकों को निलंबन या आयोग्य ठहराने के फैसले में अदालत हस्तक्षेप कर सकती है या नहीं।

बता दें कि राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी कांग्रेस के 19 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही को 24 जुलाई तक टाले जाने के हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।