नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा मामले में गिरफ्तार जामिया मिल्लिया इस्लामिया की गर्भवती छात्रा सफूरा जरगर को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। उन्हें साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने के आरोप में गैर कानूनी गतिविधियां निरोधक अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था। सफूरा जरगर जामिया कोऑरडिनेशन कमेटी की मेंबर भी है। जमानत दिए जाने के दौरान केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मानवीय आधार पर विरोध नहीं किया।

23 सप्ताह की गर्भवती हैं सफूरा
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस राजीव शकधर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंगलवार को मामले की सुनवाई की। 23 सप्ताह की गर्भवती सफूरा को 10 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है। कोर्ट ने सफूरा जरगर को निर्देश दिया है कि वो किसी भी तरह की गतिविधियों में शामिल न हो, जिससे जांच में बाधा आए। साथ ही कोर्ट ने सफूरा को बिना अनुमति के दिल्ली नहीं छोड़ने का निर्देश दिया है।

दिल्ली पुलिस ने किया था विरोध
दिल्ली पुलिस ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट में जरगर की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी महिला के खिलाफ स्पष्ट एवं ठोस मामला है और इस तरह वह गंभीर अपराधों में जमानत की हकदार नहीं है, जिसकी उसने सुनियोजित योजना बनाई और उसे अंजाम दिया।