नई दिल्ली: अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए शिरोमणि अकाली दल ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया है. गठबंधन का ऐलान करते हुए अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि यह पंजाब की राजनीति में एक नया दिन है. अकाली दल ने पिछले साल केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ गठबंधन तोड़ लिया था. बहुजन समाज पार्टी पंजाब में 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

वहीं, गठबंधन पर खुशी जाहिर करते हुए शिरोमणि अकाली दल के विधायक एनके शर्मा ने चंडीगढ़ में कहा कि SAD और BSP मिलकर अगले चुनाव में बड़ी जीत हासिल करेंगे.

अकाली दल और बीएसपी 1996 लोकसभा चुनाव के 25 सालों बाद फिर से साथ आ रहे हैं. 1996 आम चुनाव में इस गठबंधन ने पंजाब की 13 में से 11 सीटों पर जीत हासिल की थी. बीएसपी चुनाव में सभी तीन सीटों और अकाली दल 10 में से 8 सीटों पर जीती थी.

SAD अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि उनकी पार्टी कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी को छोड़कर किसी भी दल से गठबंधन को तैयार है. उन्होंने कहा था, “हम इन दलों के साथ गठबंधन नहीं करेंगे. हम इन्हें छोड़कर दूसरी पार्टियों का स्वागत जरूर करेंगे. बीजेपी के साथ आगे बढ़ने की कोई संभावना नहीं है.”

2011 की जनगणना के मुताबिक, पंजाब में देश की किसी भी राज्य के मुकाबले अनुसूचित जाति की संख्या सबसे ज्यादा है. राज्य में अनुसूचित जाति की आबादी 88.60 लाख है. इनमें से अधिकतर जनसंख्या ग्रामीण इलाकों में बसती है. 2011 की जनगणना के हिसाब से, 73.33 फीसदी एससी आबादी ग्रामीण इलाकों में और 26.67 फीसदी लोग शहरी इलाकों में रहते हैं.

राज्य में अनुसूचित जाति का वोट 23 सीटों पर काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इनमें से बहुजन समाज पार्टी को 18 सीटों पर चुनाव लड़ने दिया जा सकता है. विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान मायावती भी गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगी. पंजाब में कुल 117 विधानसभा सीटें हैं. इससे पहले जब अकाली दल का बीजेपी से गठबंधन था तो 23 सीटों पर बीजेपी चुनाव लड़ती थी.