टीम इंस्टेंटखबर
आगामी विधानसभा चुनावों के का घोषणा पत्र जारी करने से पहले ग्राम प्रधानों को चिट्ठी लिखकर रालोद प्रमुख जयंत चौधरी उनसे उनकी राय मांगेंगे और फिर उनकी राय अनुसार तैयार चुनावी मेनिफेस्टो 31 अक्टूबर को जारी करेंगे।

रालोद घोषणापत्र को लेकर लोगों की राय लेने के लिए 2 अक्टूबर को बड़ा अभियान चलाएगी. गांधी जयंती के दिन जयन्त चौधरी पूरे राज्य के 58,189 ग्राम प्रधानों को पत्र लिखेंगे और घोषणापत्र के लिए उनकी राय लेंगे. इसके अलावा आरएलडी द्वारा एक ऑनलाइन लिंक जारी किया जाएगा जिसके माध्यम से प्रदेश के 5 लाख परिवारों तक पहुंच कर घोषणा पत्र पर सर्वेक्षण किया जाएगा और सुझाव लिए जाएंगे.

किसान आंदोलन के कारण आरएलडी के पास पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वापसी करने का सुनहरा मौका है. जयंत लगातार क्षेत्र में घूम भी रहे हैं. उन्हें इस बात का एहसास है कि अगर इस बार भी कामयाबी नहीं मिली तो पार्टी के अस्तित्व पर संकट खड़ा हो जाएगा. यूपी विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और आरएलडी के बीच गठबंधन का एलान हो चुका है लेकिन अभी तक सीटों का बंटवारे को अंतिम रूप नहीं दिया गया है.

किसान आंदोलन के कारण माना जा रहा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट वोटर बीजेपी से छिटक कर वापस अपनी परंपरागत पार्टी यानी आरएलडी का रुख कर सकती है. इसके कारण आरएलडी के खेमे में उत्साह है.

राष्ट्रीय लोकदल ने अपने घोषणा पत्र को ‘लोक संकल्प 2022’ नाम दिया है और महीने भर पहले आम लोगों की राय लेने के लिए एक समिति गठित की थी. पार्टी के मुताबिक घोषणापत्र के लिए बनी लोक संकल्प समिति ने मेरठ, आगरा और लखनऊ में जनता से रायशुमारी की है. इसकी शुरुआत दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोनकारी किसानों की राय लेकर की गई थी. छात्रों, युवाओं, महिलाओं, किसानों, व्यापारियों सहित समाज के सभी वर्गों से भी राय ली गई है. इसके साथ ही व्हाट्सएप और सोशल मीडिया पर भी बड़ी संख्या में सुझाव प्राप्त हुए हैं.