रिलांयस इंडस्ट्रीज ने शुक्रवार को सूचना दी कि दूसरी तिमाही में कंपनी के शुद्ध मुनाफे में 15 फीसदी की गिरावट आई है. ऐसा कमजोर तेल कारोबार और केमिकल बिजनेस में गिरावट के कारण हुआ है. रिलायंस ने शेयर बाजार में फाइलिंग में कहा कि जुलाई-सितंबर में उसे 9,567 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ जो एक साल पहले 11,262 करोड़ रुपये था. वहीं, FY20 की दूसरी तिमाही में कंपनी का रेवेन्यु 1.56 लाख करोड़ रुपये से गिरकर 1.2 लाख करोड़ पर पहुंच गया.

लॉकडाउन के ढील के बाद कंपनी की कंज्यूमर यूनिट्स का कारोबार बेहतर रहा लेकिन कोर बिजनेस में दवाब दिखा है. कंपनी के सब्सक्राइबर्स में 7.3 मिलियन की बढ़ोतरी हुई है और पर यूजर रेवेन्यु बढ़कर 145 रुपये पर पहुंच गया जिसने टेलिकॉम बिजनेस को ऊंचाई पर पहुंचा दिया. डिजिटल सर्विसेज जिसमें टेलिकॉम कंपनी जियो शामिल है, उसका प्री-टैक्स प्रॉफिट 53 फीसदी बढ़कर 8,345 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. जबकि रेवेन्यु में एक तिहाई से ज्यादा बढ़ोतरी हुई.

दूसरी तिमाही में सख्त लॉकडाउन के बाद बाजार के धीरे-धीरे खुलने के साथ रिटेल कारोबार से रेवेन्यु 39,199 करोड़ रुपये पर लगभग फ्लैट रहा. और EBITDA 14 फीसदी गिरकर 2,009 करोड़ रुपये हो गया. फार्मास्युटिकल रेवेन्यु 23 फीसदी घटकर 29,665 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. और प्री-टैक्स प्रॉफिट 33 फीसदी की गिरावट के साथ 5,964 करोड़ रुपये पर आ गया.

रिफाइनिंग EBITA करीब आधा होकर 3,002 करोड़ रुपये पर पहुंच गया जबकि रेवेन्यु 36 फीसदी गिरा. कंपनी की दोनों रिफाइनरी ने हर एक बैरल कच्चे तेल को फ्यूल में बदलने पर 5.7 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल की कमाई की.

कंपनी ने रिटेल और टेलिकॉम कारोबार में हिस्सेदारी को सिल्वर लेक और KKR जैसे निवेशकों को बेचा. कंपनी ने जियो प्लेटफॉर्म्स में हिस्सेदारी की बिक्री से 1.52 लाख करोड़ की कमाई की और अपनी रिटेल इकाई में 8.48 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 37,710 करोड़ रुपये कमाए.