टीम इंस्टेंटखबर
पश्चिम बंगाल सरकार ने घोषणा की कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सभी राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में राज्यपाल की जगह लेंगी। राज्य मंत्रिमंडल द्वारा गुरुवार 26 मई को यह निर्णय लिया गया। इसी के तहत राज्य सरकार द्वारा राज्य सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों का कुलपति बनाने के लिए विधानसभा में कानून में संशोधन किया जाएगा। राज्य कैबिनेट के फैसले की घोषणा बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने कैबिनेट बैठक के बाद की।
यह निर्णय पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ की राज्य सरकार के साथ विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर चल रहे विवाद के बीच में आया है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने पहले आरोप लगाया था कि राज्य सरकार ने राजभवन की सहमति के बिना कई कुलपतियों की नियुक्ति की थी।
इस साल की शुरुआत में, राज्यपाल धनखड़ ने आरोप लगाया था कि 25 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को बिना चांसलर की मंजूरी के अवैध रूप से नियुक्त किया गया था।
गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में ब्रत्य बसु ने कहा था कि इस बात की जांच करने की जरूरत है कि राज्यपाल विश्वविद्यालयों का चांसलर होना चाहिए या नहीं। ब्रात्य बसु ने एक ट्वीट में कहा, ‘यह आत्मनिरीक्षण करने का समय है कि क्या हमें राज्यपाल की औपनिवेशिक विरासत को उनके पद के आधार पर विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में जारी रखना चाहिए या हमें प्रतिष्ठित विद्वानों और शिक्षाविदों को कुलाधिपति के रूप में नामित करना चाहिए।’
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