नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज मार्कंडेय काटजू ने शुक्रवार को भारत से लाइव वीडियो लिंक के जरिये भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के मामले में मोदी की ओर से गवाही दी। इसे भारत सरकार की ओर से अभियोजन पक्ष ने चुनौती दी। पांच दिन की सुनवाई के अंतिम दिन जस्टिस सैमुअल गूजी ने काटजू की विस्तृत गवाही सुनने के बाद मामले की सुनवाई 3 नवंबर तक स्थगित कर दी। तीन नवंबर को वह भारतीय अधिकारियों द्वारा पेश सबूतों की स्वीकार्यता से संबंधित तथ्यों पर सुनवाई करेंगे।

बता दें कि नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी पीएनबी घोटाले में आरोपी हैं। इस मामले में सीबीआई की चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि नीरव मोदी ने 6498 करोड़ और मेहुल चोकसी ने 7080 करोड़ रुपए का गबन किया। दोनों आरोपी सीबीआई जांच शुरू होने से पहले ही साल 2018 में विदेश चले गए थे। ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) नीरव के प्रत्यर्पण पर ब्रिटिश कोर्ट में भारत का पक्ष रख रही है।

काटजू ने नीरव मोदी के बचाव में लिखित और मौखिक दावों में कहा कि भारत में न्यायपालिका का अधिकांश हिस्सा भ्रष्ट है और जांच एजेंसियां सरकार की ओर झुकाव रखती हैं। लिहाजा नीरव मोदी को भारत में निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं मिलेगा।