लखनऊ
भारत के व्यापारियों की है दरकार, ऑनलाइन व्यापार से बचाए सरकार” राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन उत्तर प्रदेश के द्वारा देश में चौपट होते खुदरा व्यापार व व्यापारियों की समस्याओं को समाधान हेतु विशाल व्यापारी सम्मेलन रविंद्रालय चारबाग लखनऊ में आयोजित किया गया जिसमें उत्तर प्रदेश के हजारों व्यापारियों ने सहभागिता कर सम्मेलन को सफल बनाया 

इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित गुप्ता ने कहा कि 2008 में ऑनलाइन व्यापार 200 करोड़ रुपए का था आज वर्तमान में 2021 मार्च तक यह व्यापार 525000 लाख हजार करोड़ का पहुंच गया है जिससे आज पूरे देश में खुदरा व्यापार की 6% दुकान बंद हो गई हैं, 14% कुटीर उद्योग पूरे देश के  बंद हो गए.

गृह मंत्रालय की एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार आज वर्तमान में प्रतिदिन 47 से अधिक व्यापारी आत्महत्या कर रहे हैं आरबीआई के द्वारा 2018 में 161328 करोड़, 2019 में 236265 करोड़,2020 में 234170 करोड़, 2021 में 202781 करोड़, रुपए राइट ऑफ (माफ) कर दिया गया लेकिन एमएससी में सेक्टर को सिर्फ 16% लोन बैंकों के द्वारा मिलता है उसमें से सिर्फ 2% खुदरा व्यापारियों को बैंकों से लोन मुहैया होता है बड़ी-बड़ी विद्युत वितरण करने वाली डिस्कॉम कंपनियों का ₹94000 माफ कर दिया है लेकिन इस करोना काल में छोटे छोटे व्यापारियों का ना तो बिजली का फिक्स चार्ज माफ किया गया छोटे छोटे व्यापारियों का जिन्होंने बैंकों से लोन ले रखा था ना तो उनके कर्ज की ब्याज माफ की गई  कॉविड के समय मोरटोरियम पीरियड के बाद ब्याज के साथ पैसा वसूल किया गया जिससे आज देश का खुदरा व्यापारी कठिनाई के दौर से गुजर रहा है सरकार को चाहिए कि छोटे छोटे व्यापारियों के लिए अलग से राहत पैकेज बनाकर राहत दी जाए तथा जिस प्रकार से अमेजन फ्लिपकार्ट अन्य कंपनी  फ्लैश सेल के नाम पर देश के खुदरा व्यापार को बर्बाद कर रही हैं इस पर रोक लगाई जाए.

देश का एमएसएमई सेक्टर जीडीपी में 30% का योगदान तथा निर्यात में 45% का में जितने भी इंडस्ट्री है उसमें सिर्फ 95% इंडस्ट्री छोटी व कुटीर व लघु उद्योग की है 11 करोड़ एमएसएमई सेक्टर तथा खुदरा व्यापारी देश में 43 करोड़ असंगठित क्षेत्र में रोजगार पैदा करने का काम करते हैं खुदरा व्यापार दिन पर दिन समाप्त होता चला जा रहा है इसका मुख्य कारण ऑनलाइन ट्रेडिंग है वर्तमान में ई-कॉमर्स देश के खुदरा व्यापार के लिए स्वीट प्वाइजन का काम कर रहा है !

देश में ई कॉमर्स में रिटेल सेगमेंट मैं  ग्रोथ देखने को मिल रही है वह खुदरा व्यापार के लिए दिक्कतें खड़ी करती जा रही है 2016 में 5 करोड़ लोग की शॉपिंग करते थे 2020 में 32 करोड़ लोग ई शॉपिंग कर रहे हैं विश्व में सर्वाधिक ग्रोथ ई कॉमर्स में इंडिया में ही देखने को मिली यूएस में 12% परसेंट चाइना में 23% इंडिया में 68% की ग्रोथ के परिणाम स्वरूप देश से खुदरा व्यापार बंद हो रहा है वही देश के नौजवानों का रोजगार भी समाप्त होता है प्रदेश वही तरक्की कर सकता है जहां पर व्यापार फलता फूलता है और हर नौजवान को रोजगार मिले तभी उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बन सकता है.

भारत में फ्लिपकार्ट 45 % स्नैपडील 26 परसेंट अमेजॉन 12% पेटीएम 7 % सभी विदेशी कंपनियां 30%  की ग्रोथ हर साल हासिल कर खुदरा व्यापार को तबाह कर रहे हैं बड़ी-बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां हेवी डिस्काउंट लगाकर देश के खुदरा व्यापार को जमींदोज करने का काम कर रही है  भारत में भी खुदरा व्यापार बचाने के लिए प्रतिस्पर्धा आयोग का गठन किया जाए तथा भारत के खुदरा व्यापार को बचाने के लिए विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया जाए खुदरा व्यापार मंत्रालय का गठन किया जाए!

देश के कानून मंत्रालय का बजट 2645 करोड़ रुपए जबकि अमेजन अपनी लीगल फीस के तौर पर  ₹8546 करोड़ खर्च बता रही है

सीधी बात है पैसा किसी और काम में खर्च हो रहा है अमेजन की 2 साल में अमेजन की कमाई 42085 करोड़ रही है अमेजन की 6 कंपनी में मिलकर लीगल फीस के तौर पर 8546 करोड़ पर दिए है इन कंपनियों के आपस में रिश्ते की सीबीआई  जांच करवा कर कड़ी कार्रवाई की जाए ! 

राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित गुप्ता ने कहा देश के व्यापरियों को एक देश एक कर प्रणाली और तमाम करो वा  लिखा पढ़ी की जटिलताओं से मुक्ति नहीं मिल पा रही है  कि जीएसटी जैसे महत्पूर्ण अधिनियम व्यापारियों को उलझन पैदा कर रहे हैं आज तक  950  से भी ज्यादा संशोधन करने के बाबजूद भी इस का सरलीकरण नही हो सका।  सरलीकरण इस प्रकार से हो कि बगैर सीए के जीएसटी का रिटर्न व्यापारी फाइल कर सके!

टेक्सटाइल रेडिमेड कपडे और जूते मे भी  अप्रत्याशित 5 % से बढ़ाकर 12 % वृद्धि  की है। इससे आम जनमानस पर महंगाई की मार का बोझ पड़ेगा एक ट्रेड एक टैक्स का प्रावधान किया जाए

राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित गुप्ता ने कहां आज देश में राजस्व नुकसान के चलते सरकारी संपत्तियों का निजीकरण किया जा रहा है जो यह दर्शाता है कि नुकसान की भरपाई के लिए सरकार सरकारी संपत्तिया बेच रही है  घाटे से उबरने के लिए पीएसयू को बेचना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है कंपनी को एक बार  बेच दिया दिया तो दोबारा वापस नहीं ले सकते सोच समझकर निर्णय लिया जाए आज विश्व  टॉप 500 इंडस्ट्री में 124 टॉप कंपनियां चाइना की है उनमें से 91 सरकारी कंपनियां हैं यह बताता है कि कैसे चाइना ने सरकारी कंपनी को बढ़ाने का काम किया आज इंडिया की एक भी कंपनी विश्व की बड़ी कंपनियों लिस्टिंग नहीं है भारत सरकार को सरकारी कंपनी को बढ़ाने की आवश्यकता है जिससे राजस्व के संसाधन निरंतर बने रहे विश्व के अनेक देशों के मॉडल सामने है पुरानी कंपनी बेचने से नया रोजगार नहीं पैदा होता नई कंपनी लगाने से ही नया रोजगार पैदा होता है पैसा जरूर आ सकता सरकार के पास लेकिन एक समय के बाद ना तो पैसा रहेगा ना रोजगार रहेगा! 

पेट्रोल डीजल गैस की अप्रत्याशित वृद्धि से इसकी महंगाई की मार से हर व्यक्ति परेशान है  पेट्रोलियम पदार्थों गैस पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने का काम करें !

निजी क्षेत्र में आरक्षण जैसा कदम औद्योगिक सेहत के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है। नौकरी योग्यता के आधार पर मिलती है। निजी क्षेत्र में आरक्षण अनुचित कदम उठाया है। इसका सबसे बुरा असर औद्योगिक निवेश पर पड़ेगा।  जहां भारत एक राष्ट्र की बात हो रही है, वहीं दूसरी ओर इस प्रकार का आरक्षण इंडस्ट्री पर थोपा जा रहा है। यह नियम भारतीयता की एकरूपता को खत्म कर रहा है 

देश में सर्वाधिक उत्पीड़न व्यापारी समाज का है उस को राहत देने के लिए हरिजन एक्ट की तर्ज पर व्यापारी एक्ट बनाया जाए

इस करोना वैश्विक महामारी में जिन व्यापारियों का अकाउंटेंट की एनपीए हो गया है उन व्यापारियों  की ब्याज माफ कर आसान किस्त बनाई है

मुद्रा लोन मे शिशु, किशोर से कर्ज़ के  कर्ज लेने वाले व्यापारियों के कर्ज माफ किए हैं

शिक्षक क्षेत्र, स्नातक क्षेत्र, स्थानीय निकाय,की तरह विधान परिषद में व्यापारी क्षेत्र बनाया जाए

कृषि उपयोग, सुरक्षा उपकरणों,दैनिक उपयोग मे आने वाली वस्तु मोटा अनाज एवं कपड़े के थान जीएसटी मुक्त किया जाए

मेडिसन दवा इत्यादि पर जीएसटी की दर 5% की जाए

बिजली के बिलों से फिक्स चार्ज समाप्त किया जाए !