नयी दिल्ली:
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। मौद्रिक नीति समिति ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा। यह जानकारी आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी। उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति उदार नीति के रुख को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित करेगी। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र मजबूत और लचीला बना हुआ है।

आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास दर के अनुमान को भी 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि घरेलू मांग की स्थिति सकारात्मक बनी हुई है। इससे पहले अप्रैल में केंद्रीय बैंक ने 2023-24 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि का अनुमान 6.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था।

2023-24 के लिए दूसरी द्विमासिक नीति की घोषणा करते हुए, शक्तिकांत दास ने कहा कि घरेलू मांग की स्थिति विकास के लिए सहायक बनी हुई है और ग्रामीण क्षेत्रों में भी मांग वापस पटरी पर है।

केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने आर्थिक विकास के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। वहीं चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए महंगाई दर के अनुमान को 5.2 फीसदी से घटाकर 5.1 फीसदी कर दिया गया है.

उन्होंने कहा कि एमपीसी ने रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति अपने उदार रुख को वापस लेने पर ध्यान देगी। रेपो वह ब्याज दर है जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्रीय बैंक से उधार लेते हैं।

अप्रैल में हुई पिछली मौद्रिक समीक्षा बैठक में भी एमपीसी ने रेपो रेट में बदलाव नहीं किया था। इससे पहले, मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए पिछले साल मई से छह बार रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी।