लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों को दिए जाने वाले 6भत्तो सहित नगर प्रतिकर भत्ते को पहले स्थगित किया गया ,अब इसे समाप्त कर दिया है । सरकार का अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है। ऐसे समय में जबकि राज्य का कर्मचारी तन, मन, धन से कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रहा है, दिन-रात एक करके अपनी जान की कीमत पर जन सेवा में लगा है। सरकार का यह कृत्य उचित नहीं है। उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ सरकार के कर्मचारी विरोधी फ़ॆसले की घोर निन्दा करता है। शीघ्र ही अपने प्रदेश कार्यसमिति से वार्ता कर आन्दोलन की घोषणा करेंगे ।
उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ सरकार के कर्मचारी विरोधी निर्णयों का एक बार फ़िर विरोध दर्ज कराती हॆ ।

यहाॅ जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में महासंघ के अध्यक्ष कमलेश मिश्रा ने कहा कि कोविड-19 से देश में उपजे आर्थिक बोझ को सामन्य करने के लिए बड़े-बड़े पूॅजीपतियों से लेने के बजाय मासिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों के महंगाई भत्ते अन्य भत्तों को न देना उचित नही है। सरकार को कर्मचारियों के संगठनों/फैडरेशनों से बातचीत नहीं की। यह सरकार का तानाशाहीपूर्ण रवैया है। सरकार देश मे पाॅच प्रतिशत धनी लोगों पर अन्य टैक्स लगाकर इस कमी को पूरा करने के बजाय कर्मचारियों पर बोझ डाल रही है। यह पूर्णतया अनुचित है और इस फैसले को बदला जाना चाहिए ।