मोमिन अन्सार सभा की सभी प्रदेश व ज़िला इकाइयों ने प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन

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लखनऊ। मोमिन अन्सार सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मो अकरम अन्सारी के आवाहन पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 341 के पैरा 3 मे लगी धार्मिक पाबन्दी हटाने और 10 अगस्त सन 1950 से पूर्व की स्थिति बहाल किये जाने की मांग को लेकर ऑल इण्डिया मोमिन अन्सार सभा की सभी प्रदेशों व ज़िला इकाइयों ने ज़िलाधिकारी के माध्यम से जिलाध्यक्षों के नेतृत्व में प्रधानमन्त्री को सम्बोधित ज्ञापन भेजा ।

लखनऊ में मोमिन अन्सार सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मो अकरम अन्सारी ने अपने पदाधिकारी कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष मो नसीम अन्सारी , मो इकराम अन्सारी वरिष्ठ महामन्त्री , मंसूर जमाल अन्सारी ज़िला प्रभारी , रईस अहमद ज़िलाध्यक्ष लखनऊ, इसरार अन्सारी एड्वोकेट कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष मोमिन अधिवक्ता सभा, प्रदेश उपाध्यक्ष फारूक अन्सारी रिटायर्ड अधीक्षक दूरसंचार विभाग ने अपना ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट शशिभूषण राय को जिलाधिकारी लखनऊ अभिषेक प्रकाश की उपस्थिति में दिया।

ज्ञापन में कहा गया कि 10 अगस्त सन 1950 से पूर्व सभी धर्मो के अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के नागरिकों को ST/SC आरक्षण का लाभ मिलता था लेकिन 10 अगस्त सन 1950 मे तत्कालीन राष्ट्रपति महोदय ने एक अध्यादेश के तहत अनुसूचित जाति के मुसलमानो को इस आरक्षण के लाभ से वंचित कर दिया जैसा की भलीभांति विदित है कि भारत का संविधान धर्म निरपेक्ष संविधान है और यह किसी धर्म अथवा समुदाय के व्यक्तियों के साथ पक्षपात व भेदभाव की इजाज़त नहीं देता है परन्तु बड़े खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि सन 1950 तत्कालीन सरकार द्वारा अनुच्छेद 341 के पैरा 3 पर धार्मिक प्रतिबन्ध लगा कर दलित एवम अनुसूचित जाति के मुसलमानो व क्रिस्चियन के साथ भेदभाव किया गया है स्थिति यह है कि यदि अनुसूचित जाति का मुसलमान व ईसाई आरक्षण चाहे तो उसे धर्म परिवर्तन करना होगा l यह भारत के संविधान कि मूल आत्मा के विरुद्ध है तथा दलित पसमांदा भारतीय मुसलमानो व ईसाइयो के अधिकारों का हनन है l देश भर मे पसमांदा दलित मुस्लिम समाज के करोड़ो लोग दलितों से भी बदतर हालत मे जीवन यापन करने को मजबूर है जैसा कि समय – समय पर विभिन्न आयोगो ने भी अपनी रिपोर्ट मे उजागर किया है l

यह भेद भाव मानव अधिकार के सभी धर्मो के बराबरी के अधिकार के अनुच्छेद 14 , 15, 16 और 25 के संविधान के खिलाफ़ है ज्ञापन में भारत सरकार से माँग की गयी है कि संविधान के अनुच्छेद 341 के पैरा 3 अध्यादेश (SCs)1950 को जिसमे मुस्लिम और दलित ईसाइयो के लिये मज़हबी पाबन्दी लगाई गई है को समाप्त किया जाये l