लखनऊ:
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री, भारत रत्न, आधुनिक भारत के निर्माता स्व0 पंडित जवाहरलाल नहेरू जी की 133वीं जयती उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मनाई गई। उनकी प्रतिमा पर कांग्रेसजनों द्वारा पुष्पाजलि अर्पित कर श्रद्धाजलि दी गई।

कांग्रेस प्रवक्ता कृष्णकांत पाण्डेय ने जानकारी देते हुए बताया कि पंडित नेहरू की जयती के अवसर पर अपने सम्बोधन में श्रद्धाजलि अर्पित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व सांसद श्री बृजलाल खाबरी ने कहा कि पंडित नेहरू भारतीय राजनीत में हमेशा केन्द्रीय व्यक्तित्व रहे हैं। स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलन के सर्वोच्च नेताओं में एक थे, 1947 से लेकर 1964 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में देश को आधुनिक भारत बनाने का जो संकल्प लिया उसके तहत स्टील उत्पादन के लिए शेल बनाया, इंजीनियरिंग के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी बनाया, मेडिकल सांइस में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एम्स की स्थापना की, रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व के देशों की श्रेणी में खड़ा करने के लिए डीआरडीओ की स्थापना की।

कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता श्रीमती आराधना मिश्रा मोना जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि पंडित नेहरू एक महान राजनीतज्ञ के साथ ही प्रभावशाली वक्ता एवं ख्यातिलब्ध लेखक थे। पंडित नेहरू महात्मा गांधी से कंघे से कंघा मिलाकर सदैव अंग्रेजों के खिलाफ लडे़ चाहे असहयोग आन्दोलन रहा हो या नमक सत्याग्रह या फिर 1942 का भारत छोड़ो आन्दोलन की बात रही हो। पंडित नेहरू ने जब भारत में सुई तक का निर्माण नहीं होता था तब उन्होंने आधुनिक भारत का सपना देखा था और देश के लिए भांखड़ा नांगल बांध, रिहन्द बांध, और बोकारो इस्पात कारखाने की स्थापना कर देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किया। उद्योग धंधों को पंडित नेहरू आधुनिक मंदिर मानते थे।

प्रांतीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री श्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी जी ने पंडित नेहरू जी को श्रद्धाजलि देते हुए अपने सम्बोधन में कहा कि पंडित नेहरू वास्ततिक रूप से भारत के निर्माता रहे उनकी तमाम उपलब्धियां हैं जिसमें पंडित नेहरू की दूर दृष्टि का परिणाम पंच वर्षीय योजना का लागू होना रहा। पहली पंच वर्षीय योजना का नतीजा ही सराहनीय रहा इस योजना के दौरान 3.6 प्रतिशत की वृद्धि वर्ष 1956 में दर्ज की गई थी इसके अलावा प्रति व्यक्ति आय सहित तमाम क्षेत्रों में बढ़ोत्तरी हुई।

प्रांतीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री श्री नकुल दुबे ने कहा कि मजबूत लोकतंत्र में पंडित नेहरू की मजबूत आस्था थी। कई चुनावों में भारी बहुमत से जीतने के बाद भी विपक्ष को पूरा सम्मान देना पंडित नेहरू की लोकतंत्र में आस्था को दर्शाता है। वर्ष 1963 में पंडित नेहरू ने अपनी पार्टी के सदस्यों के विरोध के बावजूद भी सदन में अपनी सरकार के खिलाफ विपक्ष की ओर से लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कराना मंजूर किया। आज देश नफरत एवं विघटन की राजनीत देखी जा रही है, लोकतंत्र नाम मात्र का रहा गया है, संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सवैधानकि संस्थाओं पर कब्जा करने एवं सरकारी उपक्रमों को बेचने का प्रयास किया जा रहा है।

इस अवसर पर पूर्व विधायक सतीश अजमानी, राम गोपाल मिश्रा, श्याम किशोर शुक्ला, प्रशासन प्रभारी दिनेश सिंह, सेवा दल कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ0 प्रमोद कुमार पाण्डेय, वीरेन्द्र मदान, अनिल यादव, अशोक सिंह, अंशू अवस्थी, कृष्णकांत पाण्डेय, विशल लोधी राजपूत, संजय सिंह, श्रीमती प्रियंका गुप्ता, राजेश सिंह काली, प्रभाकर मिश्रा, रमेश मिश्रा, विक्रम पाण्डेय, बृजेन्द्र सिंह, डॉ0 रिचा कौशिक, संजय शर्मा, प्रज्ञा सिंह, हिमांशु द्विवेदी, सुधा मिश्रा, राजेन्द्र पाण्डेय सहित सैकड़ों कांग्रेस जन उपस्थित रहे।