नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने हाल के समय में शैक्षिक और सांस्कृतिक संस्थानों (cultural institutions) में जो नियुक्तियां की हैं, उनमें अधिकतर आरएसएस से जुड़े लोग शामिल हैं। इन नियुक्तियों में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्यूनिकेशंस (IIMC) और प्रसार भारती प्रमुख जैसे अहम पद शामिल हैं। मिनिस्टरी ऑफ कल्चर के तहत आने वाले इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स (IGNCA), ललित कला अकादमी और सेंटर फॉर कल्चरल रिसोर्स एंड ट्रेनिंग के अहम पदों पर भी आरएसएस से जुड़े लोगों को तरजीह दी गई है।
कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ (garav ballabh) ने इन निुक्तियों पर सवाल खड़े किए हैं और अपने एक बयान में कहा है कि “इन सभी संस्थानों में नियुक्तियां योग्यता के आधार पर होनी चाहिए। क्या ये लोग इन पदों के योग्य हैं या नहीं? यदि कोई अयोग्य व्यक्ति है तो सामान्य बात है कि उसे रिमोट कंट्रोल द्वारा संचालित किया जाएगा। यह साफ है कि अब इन संस्थानों को भाजपा साथ ही नागपुर संस्थान (RSS) द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।”
प्रसार भारती रिक्रूटमेंट बोर्डः प्रसार भारती रिक्रूटमेंट बोर्ड का चेयरपर्सन जगदीश उपासने (Jagdish Upasne) को चुना गया है। बता दें कि भारत प्रकाशन (Bharat Prakashan) के निदेशक जगदीश उपासने इससे पहले माखनलाल चतुर्वेदी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन के वाइस चांसलर भी रह चुके हैं। जब मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार सत्ता में आयी थी तो जगदीश उपासने ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उपासने इससे पहले आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर और panchyjany के संपादक भी रह चुके हैं।
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