नई दिल्ली: केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के पिछले साल 26 नवंबर को शुरू हुए आंदोलन को आज सात महीने पूरे हो गए हैं. इस मौके पर एक बार फिर किसान संगठन सरकार के खिलाफ लामबंद हुए हैं. दिल्ली-यूपी गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ पहुंचे हैं. किसानों के आज के विरोध को लेकर राकेश टिकैत ने स्पष्ट कर दिया है कि किसान सरकार के आगे झुकने वाले नहीं हैं.

43 महीने तक चलेगा आंदोलन
उन्होंने कहा कि किसान 43 महीने तक किसान आंदोलन करते रहेंगे. टिकैत से जब पूछा गया कि आंदोलन में सिर्फ पंजाब, हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ही किसान हिस्सा ले रहे हैं तो उन्होंने कहा, पूरे देश का किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ है. सरकार किसानों की जमीनें बड़ी-बड़ी कंपनियों को देना चाहती है. किसान सरकार के इस मंसूबे को सफल नहीं होने देंगे.

सरकार परमानेंट नहीं रहेगी
उन्होंने कहा कि बिहार के भी किसान सरकार की नीतियों से परेशान हैं. बिहार में मंडियां खत्म कर दी गईं. फसल का उचित दाम किसानों को नहीं मिल पा रहा है. 10-10 एकड़ जमीन वाले किसान मजदूरी करने को मजबूर हैं. सरकार जनता से है, किसान परमानेंट रहेगा, सरकार परमानेंट नहीं रहेगी। अभी कानून वापसी का नारा लगा रहे हैं, क्या चाहते हैं सत्ता वापसी का नारा लगा दें?

योगी सरकार का करेंगे विरोध
इससे पहले राकेश टिकैत ने कहा था, ‘यूपी विधानसभा चुनाव में हम योगी सरकार का विरोध करेंगे. जैसे ही ये राजनीतिक रैलियां शुरू करेंगे, हम भी इनके ख़िलाफ़ पंचायतें करने लगेंगे. टिकैत ने स्‍पष्‍ट रूप से कहा, ‘मैं कोई चुनाव नहीं लड़ूंगा पर किसानों के मुद्दे को लेकर बीजेपी का विरोध करूंगा.