टीम इंस्टेंटखबर
दिल्ली बॉर्डर पर दस महीने से बैठे किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं, वहीँ प्रशासन दिल्ली के गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर से बैरिकेड हटाने शुरू कर दिए हैं, लेकिन किसानों और पुलिस के बीच रास्ता पूरी तरह खोलने पर गतिरोध अभी भी जारी है.

वहीँ इस मामले पर किसान नेता राकेश टिकैत ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर किसानों को जबरदस्ती हटाया गया तो हम सरकारी ऑफिसों को अनाज मंडी बना देंगे.

टिकैत ने कहा कि हमें जानकारी मिली है कि प्रशासन जेसीबी के जरिये प्रदर्शनकारी किसानों के टेंट हटाने की तैयारी कर रहा है. अगर वो ऐसा करते हैं तो किसान अपने टेंट पुलिस स्टेशन में लगा देंगे.

प्रशासन का तर्क है कि किसानों के रास्ता रोकने के कारण यात्रियों और स्थानीय निवासियों को भारी परेशानी हो रही है. जबकि किसान नेताओं और संयुक्त किसान मोर्चा ने लगातार कहा है कि उनकी ओर से रास्ता नहीं रोका गया है. बल्कि पुलिस प्रशासन ने बैरीकेड लगाकर ऐसा किया है.

सुप्रीम कोर्ट ने पहले की सुनवाई में कहा है कि रास्तों को अनिश्चितकाल के लिए बंद नहीं किया जा सकता. हालांकि अदालत में यह भी बात सामने आई कि रास्ता किसानों ने नहीं रोका है, बल्कि प्रशासन की ओर से ऐसा किया गया है.