नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बांग्लादेश में दिया गया एक बयान जिसमें उन्होंने कल कहा कि उन्होंने बांग्लादेश की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था और इसके लिए वह जेल भी गए थे। तब उनकी उम्र 20-22 साल रही होगी। इस बयान पर अब प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गयी हैं.

संजय सिंह का ट्वीट
पीएम मोदी के इस बयान पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा “बांग्लादेश की आज़ादी में भारत सरकार तो बांग्लादेश के साथ थी। युद्ध तो पाकिस्तान से हो रहा था फिर मोदी जी को जेल भेजा किसने? भारत ने या पाकिस्तान ने?”

बांग्लादेश को फेक न्यूज का मजा चखा रहे हैं मोदी
पीएम के इस बयान पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री बांग्लादेश को भारतीय फेक न्यूज का मजा चखा रहे हैं। यह बचकानी बात है क्योंकि हर कोई जानता है कि बांग्लादेश को किसने आजाद कराया।

दिग्विजय ने बताया झूठा
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मोदी के भाषण वाला वीडियो ट्वीटर पर शेयर कर लिखा कि मानो या न मानों । उनके चाय बेचने का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। उनके पढ़ाई का भी कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। अब ये जाहिर सी बात है, इसका भी कोई रिकॉर्ड नहीं होगा। क्या ये जन्म से ही झूठे हैं। फेकू हैं। आप निर्णय लिजिए।

किताबें लिखनी चाहिए

मोदी के इस बयान पर रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि चाय बेचते थे या मगरमच्छ पकड़ते थे? बांग्लादेश के लिए लड़ रहे थे या हिमालय की सैर पर थे? उसी बीच कालेज कब गए पता नही, उसी बीच सिख आंदोलन का हिस्सा भी बन गए, इतिहास का कोई ऐसा पन्ना है जिसमें साहब का नाम नहीं है? इतिहासकारों को साहब का संघर्ष चिन्हित कर किताबें फिर से लिखनी चाहिए।