संजोग वालटर

एक बार फिर असंभव टास्क सामने था। मेरे पास फोन आया की शादाब नाम का लड़का जिसकी उम्र लगभग 20-22 साल है जो उधम सिंह नगर(काशीपुर) जिला नैनीताल का है , पता नहीं उधम सिंह नगर से कैसे लखनऊ के काकोरी पहुँच गया है। शादाब ने फोन पर अपने पिता को बताया था कि वो काकोरी रेलवे स्टेशन के पास बैठा है । शादाब का मोबाइल कभी स्विच ऑफ हो जाता है तो कभी नेटवर्क एरिया के बाहर जा चला जाता है। शादाब थोड़ा मंदबुद्धि भी है, लखनऊ से अनजान है , कृपया सहायता कीजिए। शादाब के परिजन काशीपुर से निकल चुके हैं और वह रास्ते में हैं लगभग 7 घंटे में लखनऊ पहुंचेंगे । शादाब के फोन पर बात हुई तो वो नहीं बता सका कि वह कहाँ पर है ? मैंने उससे कहा आपके आसपास जो हो उनसे बात करा दीजिये , बात हुई तो यादव जी ने बताया कसमण्डी से पहले काकोरी थानांतर्गत कुसमौरा मोड़ पर यह है। यही रोक लिया है ।लखनऊ के काकोरी थानांतर्गत कुसमौरा मोड़ पर शादाब को भटकते देखा गया था । कुसमौरा के ग्रामीण जन को यह समझ में आ गया था कि लड़का लखनऊ के बाहर का है और भटक कर यहाँ आ गया है । भूखे शादाब को चाय नाश्ता ग्रामीण जनों ने करवाया। फिर उन्हें यादव जी की पान की दुकान पर के पास बिठा दिया।

असंभव टास्क सामने था। कैसे निपटा जाए तो ऐसे में याद आई 112 की और याद आए करुणा शंकर जी जिन्होंने एक और असंभव टास्क को पूरा करवाया था, जिनकी मदद में मुरादाबाद में एसएसपी रहे अमित पाठक जी रात 12 बजे से सुबह 11 बजे तक लगातार टच में थे। उधर करुणा शंकर जी भी पूरी रात अपडेट करते रहे थे। एक बच्ची के पास लखनऊ से काशीपुर तक दवा पहुंची थी। उस दिन मुरादाबाद और लखनऊ की PRV पहले स्थान पर आई थी। आज भी लखनऊ की PRV पहले स्थान परआएगी क्योंकि यह टास्क भी मुश्किल था।

करुणा शंकर जी से बात हुई तो उनका कहना था कि मैं अभी कुछ करता हूं । मैंने कॉल 112 ट्विटर पर इस बात की सूचना दी, कॉल 112 एक्टिव हुई, कुछ ही देर में काकोरी थानांतर्गत कुसमौरा मोड़ 112 की PRV 4594 से विवेक कुमार भारतीय और तुषार वहां पहुँच गए तो पता चला कि वह लड़का यहां बैठा हुआ था पान की दुकान पर यहां से 20 मिनट पहले कहीं चला गया है । PRV 4594 की तलाश जारी रही। शादाब PRV 4594 को सकुशल मिले अंधे की चौकी (ऐन्ड्रू विल्सन चौकी) के पास। PRV 4594 वालों ने शादाब को चाय नाश्ता करवाया। इस बीच दूसरी PRV 2494 से शादाब को उनके एक परिचित के आवास बहादुरपुर थाना गुडम्बा पहुंचा दिया। अंत भला तो सब भला! थैंक्यू 112