दिल्ली:
मध्य प्रदेश के अशोक नगर जिले के एक गांव में बाजाप्ता के पोस्टर लगाकर मुस्लिम और ईसाई समुदाय के व्यापारियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का मामला सामने आया है. इसके साथ ही पोस्टर में ऐलान किया गया है कि गांव में सिर्फ उन्हीं को एंट्री मिलेगी जिनके पास आधार कार्ड होगा. मामला तूल पकड़ने पर पुलिस-प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद पोस्टर को हटा दिया गया है.

यह मामला अशोक नगर जिले के धौरा ग्राम पंचायत के धतुरिया गांव का है, जहां ग्रामीणों ने सरपंच बब्लू यादव के नेतृत्व में बैठक की. बैठक में आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए गांव में सामान बेचने आने वाले व्यापारियों पर विशेष नजर रखने पर चर्चा की गई और गांव में मुस्लिम और ईसाई व्यापारियों के प्रवेश पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया.

धतुरिया गांव में करीब सौ घर हैं. यहां की आबादी करीब एक हजार है. लोगों का मानना है कि जो लोग गांव में चूड़ियां, साड़ी आदि सामान बेचने आते हैं, वे गांव की रेकी करते हैं और रात में चोरी भी करते हैं. इस पर ग्रामीण सहमत हो गए और एक बैनर बनाया गया, जिस पर लिखा था, “मुस्लिम और ईसाई व्यापारियों का गांव में प्रवेश वर्जित है, कृपया आधार कार्ड के साथ ही व्यापारी गांव में प्रवेश करें।”

गांव में यह पोस्टर लगाए जाने की सूचना जब प्रशासन तक पहुंची तो प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंच गया. गांव की दीवार पर लगे पोस्टर को हटाया और ग्रामीणों को आश्वासन भी दिया कि अगर कोई घटना होती है तो पुलिस प्रशासन कार्रवाई करेगी. देहात थाना प्रभारी सत्येन्द्र कुशवाहा ने स्वीकार किया कि गांव के लोगों ने पोस्टर लगाया था, जिसे बाद में हटा दिया गया. उन्होंने दोबारा पोस्टर लगाए जाने की चर्चाओं से इनकार किया.