टीम इंस्टेंटखबर
लखीमपुर में किसानों रौंदने की घटना के बाद हुई हिंसा में 10 लोगों की मौत का मामला सियासी तौर तूल पकड़ता जा रहा है. आज सुबह सपा प्रमुख पीड़ितों से मिलने के लिए लखीमपुर निकलने वाले थे लेकिन प्रशासन ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी और उन्हें हाउस कर लिया, बाद सड़क पर ही धरने पर बैठे अखिलेश यादव को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

इस सारे घटना क्रम में सपाइयों का जोश उफान पर था और वह ज़ोरदार नारेबाजी कर रहे थे, पुलिस और सुरक्षा बलों का ज़बरदस्त बंदोबस्त था.

इसी बीच अखिलेश यादव के सरकारी निवास के पास ही गौतमपल्ली पुलिस स्टेशन पर खड़ी पुलिस जीप में किसी ने आग लगा दी. अखिलेश यादव से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होने कहा कि पुलिस स्टेशन के बाहर खड़ी पुलिस जीप में अगर आग लगी है तो पुलिस ने ही आग लगाईं होगी।

उन्होंने कहा, ”यह सरकार किसानों पर जिस तरह का अत्याचार कर रही है, उस तरह के अत्याचार अंग्रेजों ने भी नहीं किया होता। केंद्रीय राज्य मंत्री (गृह) अजय मिश्रा और उपमुख्यमंत्री (केशव प्रसाद मौर्य) को इस्तीफा दे देना चाहिए। मरने वाले किसानों के परिजनों को 2 करोड़ रुपये और सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए।