दिल्ली:
लोकसभा में पीएम मोदी एक बार फिर वह गौतम अडानी पर राहुल गांधी और विपक्ष के सवालों का जवाब देने से भागते नजर आए। पीएम के भाषण में इस समय देश पर छाए अडानी संकट पर एक शब्द भी नहीं होने पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि पीएम ने मेरे एक भी सवालों का जवाब नहीं दिया। उनके भाषण से सच्चाई दिखती है। अगर अडानी मित्र नहीं हैं तो उनको कहना चाहिए था कि जांच कराएंगे। शैल कंपनी, बेनामी पैसा घूम रहा है, उस पर प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं कहा। इससे साफ है कि पीएम उनकी रक्षा कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी के बुधवार को लोकसभा में दिए गए संबोधन के बाद मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अपने भाषण में पीएम मोदी ने बहुत सी बातें कीं मगर अडानी से जुड़े एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया। पीएम मोदी अपने उद्योगपति मित्र की रक्षा कर रहे हैं। देश की राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है, इंफ्रास्ट्रक्चर का मामला है। पीएम को बोलना चाहिए कि हम जांच कर रहे हैं।

इससे पहले आज संसद पहुंचे राहुल गांधी ने मीडिया के सामने पूछा कि आखिर उनके कल के भाषण के शब्दों को संसद के रिकॉर्ड से क्यों हटा दिया गया। इसके बाद उन्होंने मंगलवार के अपने भाषण के कुछ हिस्से को ट्वीट किया और लिखा कि “प्रधानमंत्री जी, आप लोकतंत्र की आवाज को मिटा नहीं सकते। भारत के लोग आपसे सीधे सवाल कर रहे हैं। जवाब दीजिए।”

इससे पहले पीएम मोदी ने बुधवार को लोकसभा में अपने सम्बोधन कहा कि देश के उज्जंवल भविष्य के लिए जीवन खपा दिया है। देशवासियों को मोदी पर भरोसा है, वह इनकी समझ के दायरे से बाहर ही नहीं, समझ के दायरे से काफी ऊपर है। क्या ये झूठे आरोप लगाने वालों पर मुफ्त राशन प्राप्त करने वाले देश के 80 करोड़ लोग भरोसा करेंगे? एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड के जरिए जब गरीब को राशन मिल जाता है तो वह आपकी झूठी बातों और गलिच्छ आरोपों पर कैसे भरोसा करेगा? इसके साथ ही मोदी ने कहा कि जो कभी यहां (सत्ता पक्ष) बैठते थे, वह वहां (विपक्ष) जाने के बाद भी फेल हुए और देश पास होता गया।

प्रधानमंत्री मोदी के इस संबोधन पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने असल मुद्दे पर कोई बात नहीं की। आज देश अडानी के बारे में जानना चाहता है पर प्रधानमंत्री मोदी ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। वहीं लोकसभा में कांग्रेस के नेता अदीर रंजन चौधरी ने कहा कि पीएम के भ्रामक भाषण पर सभी बीजेपी सांसदों ने ताली बजाई। पीएम के जाने के बाद सभी ‘चामचे’ भी चले गए और इस वजह से सदन को चलाने के लिए आवश्यक न्यूनतम संख्या पूरी नहीं हुई, जिसके चलते सदन को स्थगित कर दिया गया। यह सरकार की अक्षमता को दर्शाता है।