दिल्ली:
आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर लालकिले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हर स्वतंत्रता सेनानी को नमन करने का दिन है। महात्मा गांधी, वीर सावरकर, बी.आर. अंबेडकर, सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करने का दिन है। उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव की बधाई देते हुए कहा कि आज का यह दिन ऐतिहासिक है। उन्होंने आगे कहा कि दुनिया के हर कोने में आन बान और शान के साथ तिरंगा लहरा रहा है।

देश के स्वतंत्रता संग्राम का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “हिंदुस्तान का कोई कोना, कोई काल ऐसा नहीं था, जब देशवासियों ने सैकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न की हो, जीवन न खपाया हो, यातनाएं न झेली हो, आहुति न दी हो। आज हम सब देशवासियों के लिए ऐसे हर महापुरुष को, हर त्यागी और बलिदानी को नमन करने का अवसर है।”

आजादी के गुमनाम नायकों को याद करने के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान के हर कोने में उन सभी महापुरुषों को याद करने का प्रयास किया गया, जिनको किसी न किसी कारणवश इतिहास में जगह न मिली, या उनकों भुला दिया गया था।आज देश ने खोज खोज कर ऐसे वीरों, महापुरुषों, बलिदानियों, सत्याग्रहियों को याद किया, नमन किया।

पीएम मोदी ने कहा कि आज देश की सेना के जवानों का हृदय से अभिनंदन करना चाहता हूं। मेरी आत्मनिर्भर की बात को संगठित स्वरूप में, साहस के स्वरूप में, सेना के जवानों और सेनानायकों ने जिस जिम्मेदारी के साथ कंधे पर उठाया, उनको आज मैं सैल्यूट करता हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि ये हमारे नौजवान हैं, जो आज नई नई खोज के साथ दुनिया के सामने आ रहे हैं। गुलामी की मानसिकता को हमें तिलांजली देनी पड़ेगी, अपने सामर्थ्य पर भरोसा करना होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लाल किले की प्राचीर से नया नारा दिया। उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने इसमें जय विज्ञान जोड़ा और अब इसमें जय अनुसंधान जोड़ने का समय आ गया है। अब जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान हो।

पीएम मोदी ने कहा कि आज किसी न किसी कारण से हमारे अंदर विकृति आई है, हमारे बोल-चाल में, हमारे स्वभाव में, हम नारी का अपमान करते हैं। क्या हम स्वभाव से, संस्कार से, रोजमर्रा की जिंदगी में नारी को अपमानित करने वाली हर बात से मुक्ति का संकल्प लेते हैं। नारी का गौरव राष्ट्र के सपने पूरे करने में बहुत बड़ी पूंजी बनने वाला है, ये सामर्थ्य मैं देख रहा हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि अब देश बड़े संकल्प लेकर चलेगा, और वो पहला बड़ा संकल्प है विकसित भारत और उससे कुछ कम नहीं होना चाहिए। दूसरा प्रण है किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश हो उसे किसी भी हालत में बचने नहीं देना। तीसरी प्रण शक्ति- हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए। चौथा प्रण है- एकता और एकजुटता… पांचवां प्रण है- नागरिकों का कर्तव्य, इसमें प्रधानमंत्री भी बाहर नहीं होता है, राष्ट्रपति भी बाहर नहीं है। आने वाले 25 साल के लिए हमें उन पंच प्राण पर अपनी शक्ति को केंद्रित करना होगा। 2047 जब आज़ादी के 100 साल होंगे, आज़ादी के दिवानों के सारे सपने पूरे करने का जिम्मा उठाकर चलना होगा।