टीम इंस्टेंटखबर
ग्लासगो में आयोजित ‘वर्ल्ड लीडर समिट ऑफ कोप-26’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरे लिए पेरिस में हुआ आयोजन एक समिट नहीं, सेंटीमेंट था, एक कमिटमेंट था और भारत वो वादे, विश्व से नहीं कर रहा था, बल्कि वो वादे, सवा सौ करोड़ भारतवासी अपने आप से कर रहे थे.

आज विश्व की आबादी का 17 प्रतिशत होने के बावजूद, जिसकी इमिशन में दायित्व सिर्फ 5 प्रतिशत रही है, उस भारत ने अपना कर्तव्य पूरा करके दिखाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी है. पीएम मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि भारत जैसा विकासशील देश जो करोड़ों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में जुटा है, जो करोड़ों लोगों की इज ऑफ लिविंग पर रात-दिन काम कर रहा है.

पीएम मोदी ने कहा कि आज जब मैं आपके बीच आया हूं तो भारत के ट्रैक रिकॉर्ड को भी लेकर आया हूं. मेरी बातें, सिर्फ शब्द नहीं हैं, ये भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य का जयघोष हैं. आज भारत स्थापित रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता में विश्व में चौथे नंबर पर है. पीएम ने कहा कि विश्व की पूरी आबादी से भी अधिक यात्री, भारतीय रेल से हर साल यात्रा करते हैं. इस विशाल रेलवे सिस्टम ने अपने आप को 2030 तक ‘नेट ज़ीरो’ बनाने का लक्ष्य रखा है. अकेली इस पहल से सालाना 60 मिलियन टन एमिशन की कमी होगी.

पीएम मोदी ने कहा कि मैं आज आपके सामने एक, वन वर्ड मूवमेंट का प्रस्ताव रखता हूं. ये एक शब्द क्लाइमेट के संदर्भ में एक विश्व का मूल आधार बन सकता है, अधिष्ठान बन सकता है. ये एक शब्द है- लाइफ… एल, आई, एफ, ई, यानि लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट. क्लाइमेट चेंज पर इस वैश्विक मंथन के बीच मैं भारत की ओर से इस चुनौती से निपटने के लिए पांच अमृत तत्व रखना चाहता हूं, पंचामृत की सौगात देना चाहता हूं.