तौक़ीर सिद्दीक़ी
आखिरकार 600 से ज़्यादा किसानों की शहादत रंग लाई, लगभग एक साल से दिल्ली की सीमाओं पर पड़े किसानों की एकता ने मोदी सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया और आज प्रधानमंत्री को तीनों काले कृषि कानून वापस लेने की घोषणा करनी पड़ी. हालाँकि इस मौके पर भी वह बोले कि सरकार नेक नीयत से यह कानून लाई थी लेकिन कुछ किसानों को वो समझा नहीं पाई.

आज देश के नाम सम्बोधन में पीएम मोदी ने कहा, कृषि में सुधार के लिए तीन कानून लाए गए थे. ताकि छोटे किसानों को और ताकत मिले. सालों से ये मांग देश के किसान और विशेषज्ञ, अर्थशास्त्री मांग कर रहे थे. जब ये कानून लाए गए, तो संसद में चर्चा हुई. देश के किसानों, संगठनों ने इसका स्वागत किया, समर्थन किया. मैं सभी का बहुत बहुत आभारी हूं.

साथियों हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए देश के कृषि जगत के हित में, गांव, गरीब के हित में पूर्ण समर्थन भाव से, नेक नियत से ये कानून लेकर आई थी. लेकिन इतनी पवित्र बात पूर्ण रूप से किसानों के हित की बात हम कुछ किसानों को समझा नहीं पाए. भले ही किसानों का एक वर्ग इसका विरोध कर रहा था. हमने बातचीत का प्रयास किया. ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया. पीएम मोदी ने कहा, हमने कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया. साथ ही पीएम मोदी ने किसानों से अपील की, आप अपने अपने घर लौटे, खेत में लौटें, परिवार के बीच लौटें, एक नई शुरुआत करते हैं.

गौरतलब है कि देश में अगले कुछ महीनों में पांच राज्यों में चुनाव हैं और उनमें से सबसे महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश का चुनाव है. पीएम मोदी आज से तीन दिन के उत्तर प्रदेश दौरे पर हैं जहाँ वह कई योजानाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। एक तरह से इसे सरकारी चुनावी दौरा भी कह सकते हैं.