मुंबई
राहुल गांधी अडानी के मुद्दे को लेकर लगातार मोदी सरकार पर हमला करते रहे हैं। उन्होंने गुरुवार एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार आखिर अडानी समूह को बचाने में क्यों लगी हुई है।

मुंबई में एक प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा कि, “देश में G20 का माहौल है और यह दुनिया में भारत की स्थिति के बारे में है। भारत जैसे देश के लिए जो बात बहुत महत्वपूर्ण है वह यह है कि हमारे आर्थिक माहौल और यहां ऑपरेट होने वाले व्यापारों में समान अवसर और पारदर्शिता है।”

उन्होंने द गार्जियन और फाइनेंशियल टाइम्स में प्रकाशित खबरों के हवाले से कहा कि, “आज सुबह, दो ग्लोबल फाइनेंसियल न्यूज पेपर ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न उठाया है। ये कोई रैंडम न्यूज पेपर नहीं हैं। ये न्यूज पेपर भारत में निवेश और बाकी दुनिया में भारत की धारणा को प्रभावित करते हैं।”

राहुल गांधी ने इस सिलसिले में तीन सवाल उठाएछ उन्होंने कहा कि पहला सवाल यह उठता है कि- ये किसका पैसा है? ये अडानी का पैसा है या किसी और का है? इसके पीछे के मास्टरमाइंड विनोद अडानी नामक एक सज्जन हैं जो गौतम अडानी के भाई हैं। पैसे की इस हेरा-फेरी में दो अन्य लोग भी शामिल हैं। एक सज्जन हैं जिनका नाम नासिर अली शाबान अली है और दूसरे एक चीनी सज्जन हैं जिनका नाम चांग चुंग लिंग है।

उन्होंने दूसरा सवाल उठाया कि इन दो विदेशी नागरिकों को उन कंपनियों में से एक के बाजार मूल्यांकन के साथ खेलने की अनुमति क्यों दी जा रही है जो लगभग सभी भारतीय बुनियादी ढांचे को नियंत्रित करती है। उनका इशारा निश्चित रूप से अडानी समूह की तरफ था।

पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों पर राहुल गांधी ने कहा कि वे लगातार इस मुद्दे को उठाते रहे हैं। एक अन्य प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि जब जब अडानी का मुद्दा उछलता है तो प्रधानमंत्री घबरा जाते हैं और कुछ भी करते हैं। उन्होंने कहा कि पिछली बार मैंने यह मुद्दा उठाया था तो उन्होंने संसद से मेरी सदस्यता रद्द कर दी थी।