टीम इंस्टेंटखबर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए “समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा:अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता” विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओपन डिबेट की अध्यक्षता की.
इस दौरान उन्होंने कहा कि समंदर हमारी साझा धरोहर हैं. हमारे समुद्री रास्ते इंटरनेशनल ट्रे़ड की लाइफ लाइन हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि ये समंदर हमारे प्लानेट के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, लेकिन हमारी इस साझा समुद्री धरोहर को आज कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा, ‘पायरेसी और आतंकवाद के लिए समुद्री रास्तों का दुरूपयोग हो रहा है. अनेक देशों के बीच समुद्री विवाद हैं और जलवायु परिवर्तन व प्राकृतिक आपदाएं भी समुद्री क्षेत्र से जुड़े विषय हैं. मैं आप के समक्ष पांच मूल सिद्धांत रखना चाहूंगा.
पीएम ने कहा, पहला सिद्धांत हमें वैध समुद्री व्यापार से बाधाएं हटानी चाहिए. हम सभी की समृद्धि समुद्री व्यापार के सक्रिय प्रवाह पर निर्भर हैं. इसमें आई अड़चनें पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती हो सकती हैं.
दूसरा सिद्धांत समुद्री विवाद का समाधान शांतिपूर्ण और अंतर्राष्ट्रीय कानून के आधार पर ही होना चाहिए. आपसी विश्वास और साहस के लिए यह अति आवश्यक है. इसी माध्यम से हम वैश्विक शान्ति और स्थिरता सुनिश्चित कर सकते हैं.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘तीसरा सिद्धांत, हमें प्राकृतिक आपदाओं और नॉन-स्टेट एक्टर्स द्वारा पैदा किए गए समुद्री खतरे का मिल कर सामना करना चाहिए. इस विषय पर क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए भारत ने कई कदम लिए हैं. चक्रवात, सुनामी और प्रदूषण संबंधित समुद्री आपदाओं में हम फर्स्ट रेसपोंडर रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘चौथा सिद्धांत, हमें समुद्री वातावरण और समुद्री संसाधन को संजो कर रखना होगा. जैसा कि हम जानते हैं, महासागर का वातावरण पर सीधा असर होता है और इसलिए, हमें अपने समुद्री वातावरण को प्लास्टिक और तेल के रिसाव जैसे प्रदूषण से मुक्त रखना होगा.
पांचवा सिद्धांत, हमें जिम्मेदार समुद्री संपर्क को प्रोत्साहन देना चाहिए. यह तो स्पष्ट है कि समुद्री व्यापार को बढ़ाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण आवश्यक है, लेकिन ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के विकास में देशों की फिस्कल स्थिरता और अवशोषण क्षमता को ध्यान में रखना होगा.’ नरेन्द्र मोदी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओपन डिबेट की अध्यक्षता करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं.
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