• कुरारा, छानी, मौदहा और नौरंगा सीएचसी को चुना गया
  • चारों स्वास्थ्य केंद्रों में पीकू वार्ड का काम शुरू, जल्द उपकरण मिलेंगे

हमीरपुर: कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर जनपद के चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 10-10 बेड के पीकू वार्ड (पीडियाट्रिक न्यूनेटल केयर यूनिट) तैयार किए जाएंगे। इसके साथ ही प्रत्येक वार्ड में दो-दो वेंटीलेटर की भी व्यवस्था की जा रही है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों में पीकू वार्ड बनाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। जल्द ही शासन से जरूरी उपकरणों की खेप भी मिल जाएगी।

कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद विशेषज्ञ तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की संभावना जता रहे हैं। इसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग भी इससे निपटने को लेकर पूरी तरह से मुस्तैद है और जरूरी इंतजाम भी किए जा रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर से जनपद में भी बड़ी संख्या में लोग कोरोना की चपेट में आए थे। ऐसे में तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग किसी किस्म की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.आरके सचान ने बताया कि जनपद के कोविड-19 एल टू हॉस्पिटल कुरारा में 10 बेड और दो वेंटीलेटर का पीकू वार्ड बनना था, मगर शासन के निर्देश के बाद तीन और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को इसके लिए तैयार किया जा रहा है। इनमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मौदहा, छानी और नौरंगा को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि इन वार्डों के लिए पर्याप्त बाल रोग विशेषज्ञ और पैरा मेडिकल स्टाफ की भी आवश्यकता है, जिसकी पूर्ति शासन द्वारा की जाएगी।

पीकू वार्ड के नोडल अधिकारी/नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.आशुतोष निरंजन ने बताया कि चारों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पीकू वार्ड बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। सभी जगह पर्याप्त बेड हैं। जरूरी उपकरण भी जल्द मिल जाएंगे। इसके बाद सभी वार्डों को तैयार कर दिया जाएगा। उन्होंने बच्चों के अभिभावकों को भी कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर कोविड गाइडलाइन का पालन करने की हिदायत दी है। उन्होंने कहा कोरोना कफ्र्यू में ढील मिलने के बाद जिस तरीके से लोग बेपरवाह होकर घरों से निकल रहे हैं, वो अच्छा संकेत नहीं है। लोगों को दूसरी लहर से सबक लेते हुए नियमों का पालन करना चाहिए, तीसरी लहर के खतरे को कम से कम किया जाए। उन्होंने अभिभावकों से कोरोना टीकाकरण अवश्य से कराने की अपील की ताकि बच्चे सुरक्षित रहें।

सामान्य वार्ड से भिन्न होता है पीकू
जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू के डॉ.सुमित सचान ने बताया कि पीकू वार्ड सामान्य वार्ड से अलग होता है। इस वार्ड में एक माह से लेकर 15 साल तक के ज्यादा गंभीर बच्चों को भर्ती किया जाता है। अन्य आईसीयू वार्ड में जो उपकरण होते हैं, वही उपकरण वेंटीलेटर, बाईपेप, इन्फ्यूजन पंप, एबीजी मशीनों की इस वार्ड में आवश्यकता होती है। इसके अलावा आवश्यकता पड़ने पर अन्य उपकरण व मशीनें बढ़ाई-घटाई जाती रहती हैं।