टीम इंस्टेंटखबर
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में सोमवार को सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली सभी ब्लाकों की एक-एक एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। विभागीय अधिकारियों ने पुरस्कृत एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं के कार्यों की सराहना की। बता देंकि उक्त कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में महिलाओं को सम्मानित करने के चल रहे कार्यक्रम के क्रम में किया गया था।

कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एके रावत ने बताया कि जनपद के सात ब्लाकों में प्रत्येक ब्लाक से एक एएनएम और आशा कार्यकर्ता विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करने की वजह से चिन्हित किया गया था। उक्त एएनएम और आशा कार्यकर्ता को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में चल रहे सम्मान समारोह के क्रम में सम्मानित किया गया है। इन सभी एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं ने कोविड टीकाकरण से लेकर अन्य कार्यक्रमों में अपनी-अपनी जिम्मेदारियों को बहुत ही अच्छी तरीके से निभाया है।

इस मौके पर सीएचसी कुरारा की एएनएम रानी पाल और आशा कार्यकर्ता बीना, गोहांड की एएनएम कुसुम अहिरवार व गोमती देवी, सरीला की लक्ष्मी देवी और श्रीमती बेबी, नौरंगा की रजनी राजपूत और भानकुंवर, मौदहा की लाली देवी और नीता देवी, मुस्करा की फूलारानी और रश्मि, पीएचसी सुमेरपुर की कांती पाल और गीता देवी व सीएचसी राठ की अनीता व किरन साहू को स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अनिल यादव ने बताया कि उक्त सभी एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने क्षेत्र में अपने कार्यों की वजह से अलग पहचान बनाई है। कोरोना संक्रमण काल के दौरान सभी ने टीकाकरण से लेकर बाहर से लौटने वालों की मॉनीटरिंग में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन किया। इस मौके पर एसीएमओ डॉ.पीके सिंह, डॉ.आरके यादव, डॉ.रामअवतार, डॉ.महेशचंद्रा, डीसीपीएम मंजरी गुप्ता, कोल्ड चैन मैनेजर सुरजीत मिश्रा, लिपिक अनुज, डाटा मैनेजर सिद्धार्थ शंकर सिंह आदि मौजूद रहे।

चौबीसों घंटे रहते हैं अलर्ट
पीएचसी सुमेरपुर के अंतर्गत सब सेंटर ललपुरा की एएनएम कांती पाल ने बताया कि सब सेंटर के अंतर्गत आने वाले आधा दर्जन से अधिक गांवों की गर्भवतियों का इसी सेंटर में प्रसव कराया जाता है। चौबीस घंटे वह अलर्ट पर रहती है। रात-दिन कभी भी कोई भी गर्भवती का केस आते ही अपने काम में लग जाती हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान भी उन्होंने अपने क्षेत्र में मुस्तैदी से टीकाकरण का कार्य कराया। आशा कार्यकर्ता गीता देवी ने बताया कि गांवों में जाकर महिलाओं, किशोरियों व अन्य लोगों से संपर्क बनाए रखते हैं। गर्भवती की समय-समय पर जांचें कराने में भी पूरा समय देते हैं।