टीम इंस्टेंटख़बर
देश के प्रमुख अखबार समूह दैनिक भास्कर पर आज तड़के रेड की खबरों के बाद एक बार फिर मीडिया की आज़ादी को लेकर बहस छिड़ गई हैं। प्रकाशन समूह के 30 से भी ज्यादा ठिकानों पर आयकर विभाग ने दबिश डाली हैं। अब जानकारी मिल रही है कि रेड से जुड़ी खबरें प्रकाशित करने से पहले दैनिक भास्कर को आयकर विभाग से अनुमति लेनी पड़ रही है । ऐसी ही एक खबर प्रकाशित करते हुए भास्कर ने लिखा की ‘यह खबर भास्कर पर रेड डालने आए IT अधिकारियों को दिखाकर पब्लिश की गई है। भास्कर का दावा है कि दफ्तर में बैठे अधिकारियों का निर्देश है कि छापे से जुड़ी हर खबर दिखाकर ही पब्लिश करनी है।’

इस तरह की बाते देश में इमरजेंसी के दौर में सुनने को मिलती थीं जब तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने खबरों पर सेंसरशिप लगा दी थी। जिसके अंतर्गत कोई भी खबर छापने से पहले सरकार से अनुमति लेना जरूरी कर दिया गया था।

भास्कर के अनुसार आयकर विभाग की टीम ने दफ्तरों में मौजूद कर्मचारियों के मोबाइल जब्त कर लिए गए हैं और उन्हें बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। नाइट शिफ्ट के लोगों को भी दफ्तर से बाहर जाने से रोक दिया गया। रेड में शामिल अधिकारियों का कहना है कि ये सभी प्रक्रिया का हिस्सा है।

वहीँ आयकर विभाग ने आज एक न्यूज़ चैनल भारत समाचार के ठिकानों पर भी छापेमारी की. गौरतलब है कि यह दोनों मीडिया संसथान सरकार की कमियों को प्रमुखता से उजागर करते थे.