लखनऊ:
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश की जनता भाजपा के झूठे वादों और धोखे से ऊब चुकी है। इस बार जनता नगर निगम चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ कर देगी। प्रदेश के नगरों में जन समस्याओं का अंबार है। न सफाई है न जन सुविधाएं हैं। भाजपा झूठे वादे करती है, जनता भाजपा की षडयंत्रकारी नीतियों को समझ चुकी है।

नगर निकायों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और लूट के लिए भाजपा जिम्मेदार है। महंगाई, बेरोजगारी से त्रस्त जनता भाजपा के खिलाफ मतदान का मन बना चुकी है। नगरीय क्षेत्रों में भाजपा सरकार ने व्यापारियों का जिस तरह से उत्पीड़न किया है, उससे पूरा व्यापारी समाज आहत है और भाजपा के आतंक और उत्पीड़न को भूला नहीं है। व्यापारी समाज इस बार भाजपा को नगर निगम से बाहर का रास्ता दिखाकर अपने अपमान का बदला लेगा।

केंद्र में 9 साल से और 6 साल से प्रदेश में सरकार में काबिल भाजपा ने जनता के हित में कोई काम नहीं किया। कभी डबल इंजन तो कभी ट्रिपल इंजन सरकार के नाम पर जनता को धोखा देने के लिए नए-नए शब्द और नारे गढती है। प्रदेश की जनता जानती है कि भाजपा ने भ्रष्टाचार और लूट के अलावा कुछ नहीं किया। उसके पास नगरों के विकास का कोई रोड मैप नहीं है। बजट का बंदरबांट और लूट करना ही इनका एकमात्र उद्देश्य रहता है। स्मार्ट सिटी के नाम पर उत्तर प्रदेश में जनता के पैसे का जिस तरह का भ्रष्टाचार और लूट हुआ है उसकी दूसरी मिसाल मिलना मुश्किल है।

बजट के हजारों करोड़ रूपए का बंदरबाट हो गया लेकिन भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश में एक भी शहर को स्मार्ट सिटी नहीं बना पाई। स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत बदहाल है, स्थिति यह है, कि मौसमी बीमारियों में भी हजारों लोगों की मौत हो जाती है। साफ-सफाई के अभाव में मच्छर जनित बीमारियों डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया से होने वाली मौतों की तो कोई गिनती ही नहीं है।

भाजपा सरकार के कार्यकाल में जिन परिवारों ने अपने लोगों को खोया है वह भाजपा के कुशासन के खिलाफ वोट करेंगे। सरकार दवा और इलाज उपलब्ध नहीं करा पाती। अब समय आ गया है कि जनता भाजपा के भ्रष्टाचारियों और बेईमानों को हमेशा के लिए सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दे।

नगर निकाय चुनाव को लेकर भाजपा और उसके नेता कन्फ्यूज है। या तो मुख्यमंत्री जी को पता ही नहीं है कि नगर निकाय चुनाव में क्या मुद्दे होते हैं या वे जनता को गुमराह करने के लिए ऐसे मुद्दों पर बात करते हैं जिनका नगर निकाय चुनाव से कोई मतलब नहीं है। नगर निकायों से जनता को साफ-सफाई सीवर, जल निकासी, सड़क, पानी जैसी जरूरतें होती है। जनता अपने मेयर, चेयरमैन और पार्षद, सभासद को इन्हीं समस्याओं के लिए चुनना चाहती है। लेकिन भाजपा के लोग समाज को बांटने और नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं। जनता भाजपा की चालों को समझ रही है। वह नगर निकाय चुनाव में इन्हें सबक सिखाएगी।