लखनऊ ब्यूरो
1947 के पूर्व देश की जनता ने हिन्दुस्तान को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी दिलाने के लिए तमाम छोटे-बड़े आंदोलन किए। अंग्रेजी सत्ता को भारत की जमीन से उखाड़ फेंकने के लिए महात्मा गाँधी जी के नेतृत्व में जो अंतिम लड़ाई लड़ी गई थी उसे ’अगस्त क्रांति’ के नाम से जाना गया। इस लड़ाई में गांधी जी ने ’करो या मरो’ का नारा देकर अंग्रेजों को देश से भगाने के लिए पूरे भारत के युवाओं से आह्वान किया था। यही वजह है कि इसे ’भारत छोड़ो आंदोलन’ या क्विट इंडिया मूवमेंट भी कहते हैं। इस आंदोलन की शुरुआत 9 अगस्त 1942 को हुई थी, इसलिए इसे अगस्त क्रांति भी कहते हैं। 8 अगस्त 1942 को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के बम्बई अधिवेशन में ’भारत छोड़ो आंदोलन’ यानी ’अगस्त क्रांति’ का प्रस्ताव पारित किया गया।
79 साल बाद साल बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने विधानसभा स्तर पर बढती मंहगाई, बेरोजगारी, किसानों की दुर्दशा और ध्वस्त कानून व्यवस्था के मुद्दे पर बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की है। “भाजपा गद्दी छोड़ो” के नारे के साथ लखनऊ की बक्शी का तालाब (169) विधानसभा में यूपी कांग्रेस के मीडिया एवं कम्युनिकेशन विभाग के संयोजक ललन कुमार ने भैंसामऊ क्रासिंग से बक्शी का तालाब तक अपने कार्यकर्ताओं के साथ पैदल मार्च किया।
पैदल मार्च में प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू , मीडिया एवं कम्युनिकेशन विभाग के संयोजक ललन कुमार, उत्तर प्रदेश कांग्रेस पिछड़ा विभाग के चेयरमैन मनोज यादव, अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन शाहनवाज़ आलम एवं लखनऊ जिलाध्यक्ष वेद प्रकाश त्रिपाठी जी सहित हज़ारों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
ललन कुमार ने कहा कि जिस प्रकार महात्मा गाँधी ने “भारत छोड़ो आन्दोलन” से देश से अंग्रेजों को भगाया था उसी प्रकार कांग्रेस पार्टी “भाजपा गद्दी छोड़ो” मार्च करके भाजपा को सत्ता से भगाएगी। बक्शी का तालाब विधानसभा की जनता जनार्दन ने अपनी आवाज़ बुलंद और इरादा पक्का कर लिया है। भाजपा को अब सत्ता से बेदखल करके ही मानेंगे। बढती महँगाई ने जनता का सुख-चैन छीन लिया है। अब जनता भाजपा से उसकी गद्दी छीन लेगी।
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