काठमांडूः नेपाल लगातार भारत पर निशाना साध रहा है. नक्शा विवाद के बाद अब नेपाल के प्रधानमंत्री ने कोरोनावायरस को लेकर भारत को निशाने पर लिया है.

नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि भारत की ओर से बिना पूरी जांच के नेपाल में आने वाले लोग नेपाल में कोरोना केसेज की संख्या बढ़ा रहे हैं. इन लोगों की वजह से ही नेपाल में कोविड 19 और ज्यादा फैला है. नेपाल के प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके देश में दक्षिण एशिया के दूसरे देशों के मुकाबले में हालत कम खराब हैं.

नेपाल में कोरोना वायरस के मरीज़ों की संख्या 682 है. नेपाल में कोरोना वायरस के 79 नये मामले मिले है और इससे मरने वालों की संख्या 4 हैं. एक मौत का मामला अभी नया है. नेपाल में 112 लोग अब तक इलाज के बाद कोविड 19 से ठीक हो चुके हैं.

नेपाल में 566 लोग भी कोरोनावायरस से संक्रमित हैं. नेपाल में 10 लाख लोगों पर संक्रमित लोगों की संख्या 23 हैं और 10 लाख लोगों पर मरने वालों का प्रतिशत 0.1 है. नेपाल में अब तक 146,834 लोगों के कोविड 19 टेस्ट किये गये हैं. नेपाल की जनसंख्या 29,080,393 है.

इससे पहले भी पिछले हफ्ते 20 मई को नेपाल के पीएम के पी शर्मा ओली ने कुछ ऐसा ही बयान दिया था. नेपाली पीएम ने कहा था कि भारत से आने वाला कोरोनावायरस का संक्रमण चीन और इटली से भी ज्यादा खतरनाक है. उन्होंने इसके लिए भारत की ओर से होने वाले अवैध प्रवेश को इसका दोषी माना था.

नेपाली पीएम ने कहा था कि हमारे देश में कोविड 19 बाहर से आया है. कोरनोवायरस की वजह से नेपाल में 24 मार्च से जारी लॉकडाउन जारी है जो कि 2 जून तक चलेगा. लॉकडाउन की कारण नेपाल में सभी डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट्स 14 जून तक के लिए कैंसिल हैं.

भारत और नेपाल के बीच पहले से ही संबंध बिगड़ते नज़र आ रहे थे. भारत और नेपाल के बीच एक नक्शे को लेकर पहले ही तनातनी है. 20 मई को नेपाल के पीएम ने फिर दोहराया कि लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा नेपाल के हिस्से हैं.

लिपुलेख दर्रा को लेकर नेपाल और भारत के बीच विवाद है. ये कालापानी के नेपाल से सटा इलाका है. दोनों देश, भारत और नेपाल कालापानी को अपना अभिन्न अंग बताते हैं. हालांकि विवाद के बावजूद नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली को उम्मीद जताते हैं कि दोनों देशों के बीच ये मुद्दा बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाएगा.

भारत और नेपाल के बीच तनाव कि शुरूआत तब हुई थी जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 मई को उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे को धारचुला से जोड़ने वाली 80 किलोमीटर सड़क का उद्घाटन किया. इस सड़क पर भड़के नेपाल ने कहा था कि ये सड़क नेपाल की सीमा से होकर जाता है. जब कि भारत का कहना है कि ये पूरी तरह हमारी सीमा में है.