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इजरायली हैकर एजेंसी ‘NSO’ के स्पाइवेयर पेगासस (Pegasus) का उपयोग कर विपक्षी दलों, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के फोन की जासूसी की रिपोर्ट पर कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाया और उनकी भूमिका की जांच करने की मांग की है. इसके अलावा कांग्रेस ने यह भी कहा कि गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए. कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इस मुद्दे पर सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नरेंद्र मोदी डिजिटल इंडिया की बात करते हैं, लेकिन वे इसे ‘सर्विलांस इंडिया’ (surveillance India) बना रहे हैं.

चौधरी ने कहा, “पीएम मोदी के खिलाफ जो भी आवाज उठाने की हिम्मत करता है, उसके खिलाफ पेगासस का इस्तेमाल किया जाता है. राहुल गांधी कहते हैं कि हम बीजेपी से नहीं डरते हैं, इसलिए उनके खिलाफ भी जासूसी हो रही है. हम लोकसभा के अंदर जोर-शोर से इस मुद्दे को उठाएंगे. ”

प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बीजेपी, ‘भारतीय जासूसी पार्टी’ है. उन्होंने कहा, “विरोधी पार्टियों के नेताओं, पत्रकारों और खुद के मंत्रियों का जासूसी करना. राहुल गांधी की भी जासूसी की गई है. उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर आप लोकतंत्र में भरोसा करते हैं तो गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जांच होनी चाहिए.”

वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार खुद ही इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिए यह नृशंस कार्य कर रही है. उन्होंने कहा, “यह स्पाइवेयर बिना आपकी मर्जी के बिना आपके स्मार्टफोन के कैमरा, ऑडियो, आपकी बातचीत को हैक कर लेता है. आपकी बेटी, आपकी पत्नी के फोन के अंदर सरकार यह स्पाइवेयर डाल सकती है. आप बेडरूम के अंदर क्या बात कर रहे हैं, पेगासस डालकर वो सब अब मोदी सरकार सुन सकती है. अगर यह राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं तो क्या है?”

उन्होंने सवाल उठाया कि भारत में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, चुनाव आयोग, खुद के मंत्रियों और पत्रकारों की जासूसी करवाना देशद्रोह नहीं तो और क्या है? भारत ने पेगासस सॉफ्टवेयर कब खरीदा और इस पर कितने पैसे खर्च किए गए? देश में आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेवारी अमित शाह की है तो क्या उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए? और इस मामले में क्या प्रधानमंत्री की भूमिका की जांच नहीं होनी चाहिए?

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने दिनदहाड़े लोगों के मौलिक अधिकार की हत्या की है. उन्होंने कहा, “मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है. सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ किया है. कांग्रेस समेत सभी दल इस मुद्दे की जांच कराने की मांग करने की कोशिश करेंगे. चाहे वो कानूनी हो या संसदीय जांच हो, इस पर हम फैसला लेंगे.”

लीक हुए आंकड़ों के आधार पर की गई एक वैश्विक मीडिया संघ की जांच के बाद इस बात के और सबूत मिले हैं कि इजराइल स्थित कंपनी ‘एनएसओ ग्रुप’ के मालवेयर पेगासस का इस्तेमाल पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और राजनीतिक असंतुष्टों की जासूसी करने के लिए किया जा रहा है.

पत्रकारिता संबंधी पेरिस स्थित गैर-लाभकारी संस्था ‘फॉरबिडन स्टोरीज’ एवं मानवाधिकार समूह ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ द्वारा हासिल की गई और 16 समाचार संगठनों के साथ साझा की गई 50,000 से अधिक सेलफोन नंबरों की सूची से पत्रकारों ने 50 देशों में 1,000 से अधिक ऐसे व्यक्तियों की पहचान की है, जिन्हें एनएसओ के ग्राहकों ने संभावित निगरानी के लिए कथित तौर पर चुना.

वैश्विक मीडिया संघ के सदस्य ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ के अनुसार, जिन लोगों को संभावित निगरानी के लिए चुना गया, उनमें 189 पत्रकार, 600 से अधिक नेता एवं सरकारी अधिकारी, कम से कम 65 व्यावसायिक अधिकारी, 85 मानवाधिकार कार्यकर्ता और कई राष्ट्राध्यक्ष शामिल हैं. ये पत्रकार ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी), ‘रॉयटर’, ‘सीएनएन’, ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’, ‘ले मोंदे’ और ‘द फाइनेंशियल टाइम्स’ जैसे संगठनों के लिए काम करते हैं.