टीम इंस्टेंटखबर
पेगासस जासूसी मामले में आरोपों की जांच के लिए आखिरकार मोदी सरकार विशेषज्ञ कमेटी गठित करने पर राज़ी हो गयी है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक हलफनामे में कहा, “यह प्रस्तुत किया जाता है कि मैं उपरोक्त याचिका और अन्य संबंधित याचिकाओं में प्रतिवादियों के खिलाफ लगाए गए किसी भी और सभी आरोपों से स्पष्ट रूप से इनकार करता हूं।”
बता दें कि जनहित याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी (SIT) जांच कराने की मांग भी की गई है। कई अलग-अलग संगठनों ने इसको लेकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
केंद्र के हलफनामे में आगे कहा गया है, “उपरोक्त याचिका और अन्य संबंधित याचिकाओं के अवलोकन से यह स्पष्ट हो जाता है कि ये अनुमानों और अन्य अप्रमाणित मीडिया रिपोर्टों या अधूरी या अपुष्ट सामग्री पर आधारित हैं।”
केंद्र ने दो पन्नों के एक संक्षिप्त हलफनामे में कहा कि कुछ निहित स्वार्थों द्वारा फैलाए गए किसी भी गलत नैरेटिव को दूर करने के लिए और उठाए गए मुद्दों की जांच करने के उद्देश्य से, विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया जाएगा, साथ ही, मामले के सभी पहलुओं की जांच की जाएगी।
केंद्र ने आगे कहा कि केंद्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री द्वारा पेगासस पर प्रश्नों को संसद के पटल पर पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है।
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