तौक़ीर सिद्दीक़ी

जब टी 20 वर्ल्ड कप शुरू हुआ तो पाकिस्तान टीम दूर दूर तक सेमीफाइनल में भी पहुँचने की दावेदार नहीं मानी जा रही थी, लेकिन जब उसने अपने पहले मैच में भारत को हराया और फिर न्यूज़ीलैण्ड को भी शिकस्त दे दी तो अचानक उसे टी 20 वर्ल्ड कप जीतने का दावेदार कहा जाने लगा. खैर सेमीफाइनल में उसे उस ऑस्ट्रेलिया टीम ने पटखनी दे दी जो अबतक नॉकऑउट राउंड में उसे देती आ रही है. लेकिन हम बात यहाँ पर पाकिस्तान-ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए मैच में उस 19 वे ओवर की कर रहे हैं जो शाहीन शाह आफरीदी ने फेंका, जिसमें हसन अली ने मैथियू वेड का अहम् कैच छोड़ा और फिर वेड ने तीन लगातार गेंदों पर छक्के जड़कर मैच पाकिस्तान से छीन लिया।

इस ओवर में जो कुछ हुआ उस पर हाय तौबा अब भी जारी है, हर कोई हसन अली को हार का ज़िम्मेदार मान रहा है, यहाँ तक की कप्तान बाबर आज़म भी. अब बाद में भले ही वह हसन अली के साथ खड़े दिखाई दे रहे हों पर उन्होंने ज़िम्मेदार तो ठहरा ही दिया। अब यहाँ मैं बात पाकिस्तान के पूर्व धुरंधर आलराउंडर शाहिद आफरीदी की करूंगा जो इत्तेफ़ाक़ से शाहीन शाह आफरीदी के ससुर भी हैं. उन्होंने इस पूरे मामले में सबसे सच्ची राय रखी और शाहीन आफरीदी को उनकी घटिया गेंदबाज़ी के लिए फटकार लगाई। बूम बूम आफरीदी ने बिलकुल सही कहा कि भले ही हसन अली से कैच ड्राप हो गया लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप गन्दी गेंदबाज़ी करने लगें।

दरअसल अगर आप उन तीन गेंदों को देखें तो आपको साफ़ लगेगा कि शाहीन आफरीदी ने एक ज़िद में तीनों गेंदें फेंकीं जो एक जैसी थीं, बिलकुल वैसे ही कि जैसे वह वेड से कह रहे हों कि चलो अच्छा अब छक्का मारकर दिखाओ और इसी ज़िद में शाहीन आफरीदी ने तीन ऐसी गेंदें फेंकी जिसपर वेड शॉट लगाने में एक्सपर्ट माने जाते हैं.

शाहीन आफरीदी ने जो कुछ किया वह एक नौसिखिया गेंदबाज़ ही करता है, मगर गाज हसन अली पर गिरी। हार का ठीकरा उसपर फूटा. मैच में नाज़ुक मौकों पर कैच छूटना कोई पहली बार नहीं हुआ मगर इस तरह की ज़िद्दी गेंदबाज़ी इतने बड़े मुकाबलों में कम ही दिखाई पड़ती है. तो पाकिस्तान की हार के लिए अगर हसन अली ज़िम्मेदार है फिर तो शाहीन आफरीदी को इस हार का गुनहगार कहना चाहिए .

टी20 क्रिकेट में तो गेंदबाज़ों को मार पड़ती ही है, खासकर जब मैच नाकआउट में हो, विश्व कप का मुकाबला हो. टीम अपने दिए लक्ष्य की रक्षा कर रही हो. इसीलिए कप्तान अंतिम ओवर से पहला ओवर उसी को देता है जिसपर उसे सबसे ज़्यादा भरोसा होता है. क्योंकि रनों का पीछा कर रही सभी टीमें इस ओवर को टारगेट में रखती हैं, कोई भी टीम अंतिम ओवर में बड़ा टारगेट लेकर कभी नहीं जाना चाहती। अंतिम ओवर में रन बनाने का अपना प्रेशर होता है इसीलिए टीमें 19 या 49वें ओवर को ही टारगेट करती हैं ताकि अंतिम ओवर में कम से कम रन बनाने पड़ें। अब अगर कैच छूटने और पहला छक्का खाने के बाद भी शाहीन आफरीदी थोड़ी समझदारी दिखाते तो हो सकता है ऑस्ट्रेलिया को आखरी ओवर तक जाना पड़ता और अगर कंगारुओं को आखरी ओवर में 8-10 रन बनाने होते तो नतीजा कुछ भी हो सकता था और अक्सर ऐसा होता देखा गया है.

वैसे खेल है, दो टीमें टकराएंगी तो एक जीतेगी और दूसरी हारेगी और कहीं न कहीं किसी न किसी की कोई गलती ही होती है जिसका जीतने वाली टीम फायदा उठाती है, इसलिए हार पर इल्ज़ामतराशी बिलकुल नहीं करना चाहिए लेकिन अगर आप किसी को ज़िम्मेदार ठहराना चाहते ही हैं तो मेरी नज़र में वह हसन अली न होकर शाहीन आफरीदी हैं.