अदनान

टी-20 वर्ल्ड के फाइनल से भारत और पाकिस्तान के बाहर होने से बहरहाल फटाफट क्रिकेट के इस महामुकाबले का आकर्षण कम तो हुआ है मगर यह भी सही है कि दो हक़दार टीमें ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैण्ड फाइनल में पहुंची हैं. दोनों ने सेमीफाइनल में अपने विरोधियों को एक ही तरह से हराया है, दोनों ही टीमों ने अपोज़िट टीमों से मैच छीने हैं. इसलिए दोनों के बीच एक शानदार फाइनल होने की उम्मीद है.

न्यूजीलैंड पहली बार 2015 किसी विश्व कप के फाइनल में पहुंची थी. तब उसे फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था. अब न्यूजीलैंड पहली बार टी20 विश्व कप के फाइनल में पहुंची है. 2015 और 2021 में एक बात सामान्य है- फाइनल में न्यूजीलैंड की विरोधी टीम. 2015 की तरह एक बार फिर न्यूजीलैंड का सामना अपने ही पड़ोसी और खिताबों के मामले में बेहतरीन इतिहास वाली ऑस्ट्रेलिया से है और ऐसे में एक बार फिर 2015 के फाइनल जैसे नतीजे की आशंका महसूस हो रही है. यही कारण है कि न्यूजीलैंड के दिग्गज पूर्व विकेटकीपर इयान स्मिथ ने कहा है कि वह नहीं चाहते थे कि फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से सामना हो.

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ न्यूजीलैंड का नॉकआउट मैचों में रिकॉर्ड बिल्कुल भी अच्छा नहीं है. न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच पिछले 40 सालों में मल्टी-नेशन टूर्नामेंट यानी दो से ज्यादा टीमों वाली सीरीज या टूर्नामेंट के नॉकआउट मुकाबलों में 17 बार टक्कर हुई है. इसमें 16 मैचों में ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को हराया है.

खिताबी मुकाबले से पहले एक और बात. 14 साल के टी20 वर्ल्ड कप के इतिहास में यह तीसरी बार होगा जब खिताबी जंग में दो पड़ोसी मुल्कों का आमना-सामना हो रहा है. पड़ोसी मुल्कों के बीच फाइनल मैच की शुरुआत 2007 के पहले वर्ल्ड कप से ही हो गई थी. जब भारत और पाकिस्तान की टीमें पहली बार फाइनल में पहुंच गईं और चिर-प्रतिद्वंद्वी पाक टीम को हराते हुए टीम इंडिया वर्ल्ड चैंपियन बन गई.

2007 के बाद 2014 के वर्ल्ड कप में यह कारनामा दोहराया गया. बांग्लादेश में आयोजित पांचवें वर्ल्ड कप में भारत और श्रीलंका की टीमें फाइनल में पहुंच गईं. भारत दूसरी बार तो श्रीलंका तीसरी बार फाइनल में पहुंचा था. हालांकि ढाका में खेले गए फाइनल मैच में भारत का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था और श्रीलंका के सामने महज 131 रनों का लक्ष्य ही दे सका जिसमें श्रीलंकाई टीम ने आसानी से 4 विकेट खोकर 18वें ओवर में हासिल कर लिया और अपने तीसरे प्रयास में उसने पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया.

इस मुकाबले में एक बार फिर टॉस की अहम भूमिका होने वाली है. अब तक इस टूर्नामेंट में अधिकतर समय लक्ष्य का पीछा करने वाली टीमों को ही जीत हासिल हुई है. हालांकि ऑस्ट्रेलिया के कप्तान एरॉन फिंच को टॉस का डर नहीं है वह पर परिस्थिति के लिए तैयार है.

फिंच ने फाइनल से एक दिन पहले टॉस के बारे में बात की और कहा, ‘टॉस हारने के बाद भी मैच जीता जा सकता है. टूर्नामेंट में कभी न कभी आपको पहले बल्लेबाजी करनी होगी. मैं पाकिस्तान के खिलाफ टॉस हारना चाहता था ताकि हम लक्ष्य दे सके. वह एक ऐसा मुकाबला था जहां कोई भी पहले बल्लेबाजी नहीं करना चाहता लेकिन करनी पड़ती को आप कुछ नहीं कर सकते. फाइनल में भी ऐसा ही होने वाला है.’

जो भी खिताब जीतेगा उसके पास कई तरह से इतिहास रचने और रिकॉर्ड बनाने के मौके हैं. दोनों ही टीमें पहली बार इस खिताब को अपने नाम करने की कोशिश करेंगी. जहां तक ऑस्ट्रेलिया की बात है, तो पहली बार टी20 चैंपियन बनने के अलावा भी उसके पास एक खास रिकॉर्ड कायम करने का मौका है. खिताबी जंग में परिणाम जो भी हो फटाफट क्रिकेट की दुनिया को एक नया वर्ल्ड चैंपियन मिलना तय हो गया है.

अगर ऑस्ट्रेलिया रविवार को न्यूजीलैंड को हराकर टी20 विश्व कप का खिताब जीतने में सफलता हासिल करता है, तो वह दुनिया की पहली ऐसी क्रिकेट टीम बन जाएगी, जिसने पांच अलग-अलग दशकों में विश्व कप का खिताब अपने नाम किया है. ऑस्ट्रेलियाई टीम 1980 के दशक से लगातार विश्व कप जीत रही है.

सारे आंकड़े भले ही ऑस्ट्रलिया के पक्ष में नज़र आ रहे हों पर मेरा वोट न्यूज़ीलैण्ड को है.