इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने खैबर पख्तूनख्वा सरकार को कुछ दिन पहले तोड़े गए एक पुराने मंदिर का फौरन पुनर्निर्माण करने का आदेश दिया है
दिसंबर में अतिवादियों ने तोड़ा था मंदिर
खैबर पख्तूनख्वा के कारक जिला स्थित टेरी गांव में इस मंदिर पर कट्टरपंथी जमियत उलेमा ए इस्लाम पार्टी (फजल उर रहमान समूह) के सदस्यों ने पिछले साल दिसंबर में हमला किया था। इस घटना की मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के नेताओं ने कड़ी निंदा की थी, जिसके बाद उच्चतम न्यायालय ने पिछले हफ्ते इसके पुनर्निर्माण का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः लिया संज्ञान
एक खबर के मुताबिक प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद की अध्यक्षता वाली शीर्ष न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की पीठ ने सोमवार को मंदिर को आग के हवाले किये जाने के मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति गुलजार ने कहा, ‘‘खैबर पख्तूनख्वा में मंदिर मुद्दे पर क्या कोई बरामदगी या गिरफ्तारी हुई है? हमें सूचित करें।”
आरोपियों से वसूली के दिए गए थे आदेश
जनवरी में न्यायालय ने प्रांतीय सरकार को मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए रकम इस धार्मिक स्थल को आग के हवाले करने वाले लोगों से वसूल करने का आदेश दिया था। न्यायमूर्ति एजाजुल अहसन ने कहा कि न्यायालय ने यह आदेश इसलिए दिया था कि वे (मंदिर पर हमला करने वाले) लोग एक सबक सीख सकें।
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