लखनऊ
गीता परिवार के तत्वावधान में संस्कार पथ शिविरों का आयोजन राजधानी के अलग-अलग स्कूलों में किया जा रहा है। केसरबाग के मोना कान्वेंट स्कूल, बाल शिक्षा निकेतन और सहादतगंज के कस्तूरबा इंटर कॉलेज के तीन दिवसीय संस्कार पथ शिविर समापन पर ज्योति शुक्ला ने प्रार्थना, ध्यान के माध्यम से बच्चों चिड़ियाघर की सैर करवायी।

ख्याति व मानवी ने संस्कार पथ के पंचसूत्रों के बारे बताया कि हम अच्छे कैसे बन सकते हैंI आदित्य व प्रियांशु ने प्रात्यक्षिक के माध्यम से समझाया कि अपने आसपास के पेड़ों को नहीं काटना चाहिए ये हमें प्राणवायु देते हैं, इनके बिना हमारा जीवन अधूरा है क्योंकि पेड़ ही कार्बनडाई आर्क्ससाइड लेते हैं और हमें बदले में शुद्ध वायु देते है। इस मौके पर मुख्य अतिथियों में गीता परिवार के सचिव अनुराग पांडे, स्कूल के प्रधानाचार्य और अध्यापक गण उपस्थित थे। शिविर समापन पर अनुराग पांडे ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि आइसट्रीन ने 13 प्रतिशत दिमाग का उपयोग कर महान वैज्ञानिक बन सकता है हम क्यों नहीं। हमें कुछ न कुछ नया सीखने की ललक और जिज्ञासु होना चाहिए। तभी हम देश व समाज का निर्माण कर सकते हैं।

मुख्य अतिथियों ने शिविर समापन पर प्रतियोगिताओं के विजयी बच्चों को पुरस्कृत किया। गीता परिवार का उद्देश्य है कि बच्चों को मनोरंजक ढंग से खेल-खेल में नैतिक शिक्षा, व्यक्तित्व विकास एवं भारतीय संस्कृति से परिचय कराना है। शिविरों में मुख्यतया प्रेरणादायी कहानियां, प्रश्नोत्तरी, प्रार्थना, गीत, श्लोक, खेलकूद और कौशल प्रतियोगिताएं नवीन उपक्रमों के माध्यम से बच्चों को संस्कारी बनाने काम गीता परिवार निरन्तर करता आ रहा है। बच्चों में ऐसा आत्मविश्वास जागृत करना है कि वह कभी भी मुसीबतों से हार नहीं माने, वे निरन्तर संस्कार के पथ चलते हुए देश व समाज का निर्माण करे।