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अब कर्नाटक की सैकड़ों साल पुरानी मस्जिद पर दक्षिण पंथी ग्रुप ने दावा किया है कि ये पहले हनुमान मंदिर हुआ करता था, जिसे टीपू सुल्तान ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी। नरेंद्र मोदी विचार मंच नाम के इस संगठन का दावा है कि यहां एक हनुमान मंदिर हुआ करता था। उनकी मांग है कि इसे अब फिर से वापस हिंदुओं को सौंपा जाना चाहिए।

संगठन के सदस्यों ने मांड्या के कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपकर दावा किया कि मस्जिद एक हनुमान मंदिर पर बनाई गई थी और इसे हिंदुओं को सौंप दिया जाना चाहिए। जामा मस्जिद के रूप में जानी जाने वाली ये मस्जिद 236 साल पुरानी बताई जाती है।

बेंगलुरु से करीब 120 किलोमीटर की दूरी पर श्रीरंगपट्टन में एक मस्जिद है। कहा जाता है कि श्रीरंगपट्टन टीपू सुल्तान की राजधानी हुआ करता था। यहीं किले में यह जामा स्जिद है। कहा जाता है कि विजय नगर साम्राज्य के समय में यह किला बनाया गया था। बाद में टीपू सुल्तान ने इसपर कब्जा कर लिया। मस्जिद के अंदर मिले पारसी लेखों से पता चलता है कि मस्जिद का निर्माण 1782 में हुआ था।

नरेंद्र मोदी विचार मंच का कहना है कि 1782 में हनुमान मंदिर को ध्वस्त करने के बाद टीपू सुल्तान द्वारा मस्जिद का निर्माण किया गया था। यह साबित करने के लिए पुख्ता सबूत हैं कि मस्जिद कभी हिंदू मंदिर थी। मस्जिद के अंदर तत्कालीन होयसला साम्राज्य के प्रतीक हैं।

बता दें कि मस्जिद-ए-आला श्रीरंगपट्टन किले में बनी हुई है। फिलहाल यहां मदरसा चलता है। इसी बीच कर्नाटक के मंत्री के ईश्वरप्पा ने भी कहा है कि मुगल काल में भारत में करीब 36 हजार मंदिरों को तोड़ा गया। उन्होंने कहा कि कानून का सहारा लेकर उन मंदिरों को वापस बनाया जाएगा। इसमें किसी को परेशानी नहीं होगी। वहीं अब मस्जिद के अधिकारियों ने प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है।