बिजनेस ब्यूरो
मंहगाई से टूटे लोगों को अब रिजर्व बैंक ने अचानक रेपो रेट बढ़ाकर ज़ोरदार झटका दिया है. रेपो रेट 0.40 फीसदी बढ़कर 4.40 फीसदी हो गया है. रिजर्व बैंक के इस ऐलान से लोगों के ऊपर ईएमआई का बोझ बढ़ना तय हो गया है.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को अचानक प्रेस कांफ्रेंस की. गवर्नर दास ने कांफ्रेंस में बताया कि रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है.
उन्होंने बताया कि सेंट्रल बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने इकोनॉमी के हालात पर चर्चा करने के लिए बैठक की. इस बैठक में एमपीसी के सदस्यों ने एकमत से रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाने का फैसला लिया. एमपीसी ने यह फैसला बेकाबू होती महंगाई के कारण लिया.
आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मार्च 2022 में खुदरा महंगाई तेजी से बढ़ी और 7 फीसदी पर पहुंच गई. खासकर खाने-पीने की चीजों की महंगाई के कारण हेडलाइन सीपीआई इंफ्लेशन यानी खुदरा महंगाई तेजी से बढ़ी है.
इसके अलावा जिओपॉलिटिकल टेंशन ने भी महंगाई को बढ़ाया है. आपको बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच महीनों से जारी जंग के कारण गेहूं समेत कई अनाजों के दाम बढ़ गए हैं. इस तनाव से ग्लोबल सप्लाई चेन पर भी बुरा असर पड़ा है. गवर्नर दास इसी जिओपॉलिटिकल टेंशन की बात कर रहे थे.
रिजर्व बैंक की एमपीसी ने रेपो रेट के साथ ही कैश रिजर्व रेशियो (CRR) को भी 0.50 फीसदी बढ़ाने का फैसला किया. गवर्नर दास ने बताया कि ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला मध्यम अवधि में इकोनॉमिक ग्रोथ के प्रोस्पेक्ट को मजबूत बनाने के लिए लिया गया है.
उन्होंने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमिक रिकवरी अब मोमेंटम खोने लगा है. रिजर्व बैंक एमपीसी ने रेपो रेट बढ़ाने के अलावा एकमोडेटिव मॉनीटरी पॉलिसी स्टान्स बरकरार रखने का भी फैसला किया.
RBI के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में महंगाई दर 5.7 फीसदी पर रहने का अनुमान है. शक्तिकांत दास ने पिछले महीने बताया था कि महंगाई की दर पहली तिमाही में 6.3%, दूसरी तिमाही में 5%, तीसरी तिमाही में 5.4% और चौथी तिमाही में 5.1% रह सकती है.
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